NSE – National Stock Exchange का इतिहास

NSE – National Stock Exchange का इतिहास भारत की दूसरी सबसे बड़ी स्टॉक एक्सचेंज के रूप में राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (NSE – National Stock Exchange) को जाना जाता है। BSE स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही इसका इतिहास भी काफी पुराना है।

NSE यानी National Stock Exchange की स्थापना वर्ष 1994 में हुई थी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना से पहले भारत में सिक्योरिटी एंड कैपिटल मार्केट दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले काफी पिछड़ा हुआ था, यही वजह है कि हर्षद मेहता स्कैम के बाद में भारतीय स्टॉक एक्सचेंज ने अपनी विश्वसनीयता को भी खो दिया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (National Stock Exchange) भारत में एक अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज कंपनी के नाम से जाना जाता है। यह दुनिया भर में दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज (WFE) एक रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 9 जून 2018 तक इक्विटी शेयर में काफी बढ़िया कारोबार किया था।

NSE – National Stock Exchange का इतिहास

NSE यानी National Stock Exchange की स्थापना साल 1994 में हुई थी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने वर्ष 1994 में इलेक्ट्रॉनिक्स स्क्रीन आधारित ट्रेडिंग, इंडेक्स ट्रेडिंग और वर्ष 2000 में इंटरनेट ट्रेडिंग शुरू की, जो भारत में अपनी तरह का पहला उत्पाद था। इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है।

SEBI की रिपोर्ट के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज अनुसार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अपनी स्थापना वर्ष वर्ष 1994 के अगले 1 साल के अंदर ही ट्रेडिंग औसत वॉल्यूम के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बन गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज वर्ष 1994 से स्क्रीन आधारित ट्रेनिंग की शुरुआत की और भारत में इस तरह की ट्रेडिंग प्लेटफार्म देने वाली पहली स्टॉक एक्सचेंज के रूप में उभरकर के सामने आई थी। इसके साथ ही इस साल 2000 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में इंडेक्स फ्यूचर की शुरुआत की जो अपने आप में अनूठा था।

NSE – का विकास एक नजर में

क्रम संख्यावर्षविकास
11993NSE की स्थापना
21994Screen based trading की शुरुआत की गई
31996CNX NIFTY 50 INDEX की शुरुआत की गई थी
41996Demat account trading की शुरुआत
52000निफ़्टी 50 के ऊपर आधारित index future trading की शुरुआत
62001Single stock मे future and option की शुरुआत, इसी के साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज Nifty 50 पर आधारित इंडेक्स ऑप्शन ट्रेडिंग की भी शुरुआत की गई थी
72010Currency trading की शुरुआत की गई
82015CNX NIFTY का नाम बदलकर के NIFTY 50 कर दिया नेशनल स्टॉक एक्सचेंज गया

वर्ष 1992 तक, BSE भारत में सबसे लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंज के रूप में माना जाता था। लेकिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1992 मे होने के बाद याद देश का पहला Dematerialised Stock Exchange के रूप में स्थापित किया गया था। तकनीकी रूप से उन्नत, स्क्रीन आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को पेश करने के लिए यह भारत में पहला स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है। स्क्रीन आधारित ट्रेडिंग प्लेटफार्म ने भारत में व्यापार में क्रांति ला दी। जल्द ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत में व्यापारियों और निवेशकों का पसंदीदा स्टॉक एक्सचेंज बन गया।

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बीएसई (BSE), एनएसई (NSE) क्या है

जब कभी हम शेयर मार्केट की बात करते है, तो उसमें एनएसई और बीएसई का नाम अवश्य शामिल होता है, क्योंकि भारत का शेयर बाजार एनएसई और बीएसई के ऊपर निर्भर करता है | यदि हम एनएसई और बीएसई की बात करे, तो यह दोनों ही भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज है |

एनएसई और बीएसई यह दोनों एक दूसरे से काफी अलग है, परन्तु इनमें कुछ समानताएं भी हैं | हमारे देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में इन दोनों स्टॉक एक्सचेंज की अहम् भूमिका है | बीएसई (BSE), एनएसई (NSE) क्या है, फुल फॉर्म और NSE और BSE अंतर के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकरी विधिवत रूप से दे रहे है |

बीएसई और एनएसई का फुल फार्म (BSE & NSE Full form)

Table of Contents

बीएसई (BSE) का फुल फार्म “बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (Bombay Stock Exchange)” है | यह भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है | एनएसई (NSE) का फुल फार्म नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) है | भारत में एनएसई की स्थापना वर्ष 1992 में इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज सिस्टम के रूप में हुई थी |

BSE Full Form In EnglishBombay Stock Exchange
NSE Full Form In EnglishNational Stock Exchange

बीएसई क्या है (What Is BSE)

बीएसई (BSE) की स्थापना वर्ष 1857 में प्रेमचंद रॉयचंद ने देशी शेयर और स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के रूप में की थी और अब इसका प्रबंधन सेठूरामन रवि द्वारा किया जा रहा है। वर्ष 1957 के बाद भारत सरकार नें सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के अंतर्गत इसे भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता प्रदान की थी।

वर्ष 1995 में बीएसई की ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू हुई, उस समय इसकी क्षमता एक दिन में 8 मिलियन ट्रांजेक्शन थी। ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को एशिया के पहले स्टॉक एक्सचेंज’ के रूप में जाना जाता है और यह सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL), मार्केट डेटा सर्विस, डिपॉजिटरी सर्विसेज और रिस्क मैनेजमेंट आदि सेवाएँ प्रदान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज करता है। बीएसई दुनिया का 12वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केटप्लेस है है, और जुलाई 2017 तक, इसका मार्केट कैपिटलाइज़ेशन 2 बिलियन डालर से अधिक है |

एनएसई क्या है (What Is NSE)

एनएसई (NSE) अर्थात नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना वर्ष 1992 में हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है | एनएसई को वर्ष 1992 में सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट 1956 के तहत कर भुगतान कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था, परन्तु इसका संचालन 1994 में शुरू नेशनल स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हुआ था | एनएसई भारत में व्यापार के लिए स्क्रीन-आधारित प्रणाली की पेशकश करने वाला पहला स्टॉक एक्सचेंज था।

शुरूआत में एनएसई को भारतीय बाजार प्रणाली में पारदर्शिता के लिए एक उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया था, और अपने लक्ष्य को प्राप्त करनें में सफलता प्राप्त की है। एनएसई सरकार की सहायता से सफलतापूर्वक ट्रेडिंग जैसी सेवाएं प्रदान करता है, जिसमें क्लीयरिंग के साथ-साथ ऋण और इक्विटी में समझौता और घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशक शामिल हैं।

वर्तमान में इस एक्सचेंज में लगभग 1700 कंपनियां सूचीबद्ध हैं, जिनमें से लगभग 1370 सक्रिय हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 10वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केटप्लेस है, और मार्च 2017 तक इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.41 ट्रिलियन डालर से अधिक हो गया था |

बीएसई और एनएसई में अंतर (Difference Between BSE & NSE)

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज दोनों इंडियन कैपिटल मार्केट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिसमें प्रतिदिन हजारों ब्रोकर और निवेशक इन स्टॉक एक्सचेंजों पर व्यापार करते हैं और दोनों मुंबई, महाराष्ट्र, और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) में स्थापित हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में मुख्य अंतर इस प्रकार है-

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है | NSE Kya Hai in Hindi पूरी जानकारी

नमस्ते, दोस्तों आज के इस लेख में आपको NSE के बार में बताया है यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ते है तो आपको किसी दूसरे लेख या यूटूब पर जाने की जरुरत नहीं होगी, क्योकि हमने आपके लिए NSE के बारे में काफी गहराई तक जानकर आपको सरल तरीके से समझाने की कोशिश की है. अब हम बात करते है की NSE क्या है?

What is NSE in Hindi | NSE क्या है

जब भी आपने शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के बारे में सोच होगा तो उसमे NSE की बात होती है और बहुत से ट्रेडर NSE के बारे में अधिक बातचीत करते है. आइये जानते है की आखिर nse होता क्या है और किस ट्रेडिंग के समय इसका क्या काम होता है.

NSE Full Form ?

NSE Full Form Is = National Stock Exchange of India.

NSE Full Form in Hindi?

NSE का Full Form in Hindi = “राष्ट्रीय शेयर एक्सचेंज ऑफ इंडिया” है.

NSE का क्या मतलब होता है

यह एक stock exchange है इसका पूरा नाम “नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया” लिमिटेड है इसे भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार माना जाता है. यह दुनिया के टॉप 10 शेयर मार्किट में एक है. इसकी स्थापना 1992 में हुई थी. भारत में इसका सबसे पहले भारत के मार्किट में इलेट्रॉनिक ट्रेडिंग में सुरु हुआ.

NSE में कंपनियो के share को लिस्ट करते है इसके बाद में share को खरीद/बेचकर अच्छा मुनाफा कमाते है. इसमें भारत की टॉप कंपनियो के share लिस्ट किये हुए है यह भारत की सबसे बड़ी दूसरी स्टॉक एक्सचेंज है.

National Stock Exchange of India in Hindi?

NSE भारत की पहली टर्मिनल वाली स्टॉक एक्सचेंज है इसमें हमें stock के खरीदी और बिक्री की कीमत को स्क्रीन पर दर्शाता है जिसे हम देख कर share के खरीने बेचने का कदम रखते है.

NSE का उद्देश्य क्या है | NSE Kya Hai

  1. सभी व्यक्ति को share market में इन्वेस्ट करने और share को बेचने व खरीदने की सुबिधा देता है.
  2. सुरक्षित तरीके से share को खरीदा और बेचा जा सकता है.
  3. शेयर बाजार में सभी को एक समान मानना.
  4. ख़रीदे गय share को लम्बे समय तक सुरक्षित रखना.

NSE का शेयर मार्किट में क्या कार्य होता है?

NSE Kya Hai – अब हम इसके कार्यो के बारे में विस्तार से समझेंगे. जब भी कोई व्यक्ति nse के दोवारा इन्वेस्ट करना चाहता है तो उसे सबसे पहले मार्किट आर्डर देना होता है इसके बाद कंप्यूटर का automated process होता है जिसके माध्यम से आपके नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आर्डर का मिलान होता है.

जब भी कोई व्यक्ति मार्किट में इन्वेस्ट करता है तो उसे आर्डर करने के बाद एक नंबर दिया जाता है जिसे यूनिट नंबर कहा जाता है. इस कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने बाले का नाम नहीं दिखाया जाता है उसे गुप्त रखते है और ना ही खरीदने बाला व्यक्ति बेचने बाले व्यक्ति की कोई जानकारी रखता है

यह प्रोसेस बिलकुल सुरक्षित और गुप्त होता है. जैसे ही इन्वेस्टर का आर्डर एक्सचेंज मार्किट में पूरा होता है तो इन्वेस्टर को उसके डीमैट अकाउंट में खरीदने और बेचने का आर्डर दिखने लगता है.

इस तरह इन्वेस्टर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लेन-देन बहुत ही सुरक्षित और साफ़ होता है. आप डीमैट अकाउंट को किसी भी ब्रोकर के दोवारा खोला जा सकता है. झा पर हमें ट्रेडिंग की भी सुविधा मिलेगी(नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 1)

इन्हें भी पढ़े –

लोगों के दोवारा पूछे गय सवाल –

NSE की स्थापना कब हुई?

NSE Kya Hai- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया की स्थापना सन 1992 में हुई थी.

NSE का मुख्यालय कहां है?

NSE Kya Hai – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया का मुख्यालय मुंबई में स्थित है.

NSE Index का सूचकांक क्या है?

NSE का सूचकांक इंडेक्स निफ्टी है जिसको सभी लोग nifty 50 के नाम से जानते है.

NSE पर क्या क्या लिस्टेड है?

इसमें कंपनियों के शेयरस, डिबेंचर और सिक्योरिटी बॉन्ड्स आदि जानकारी लिस्ट की जाती है.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अध्यक्ष कौन है?

NSE Kya Hai – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अध्यक्ष राजीव महर्षि है.

भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज हैं?

भारत में पहले स्टॉक एक्सचेंज 24 थे लेकिन अब 23 हो गय है.

शेयर बाजार की नियामक संस्था कौन है?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया की स्थापना 12 अप्रैल, 1992 में हुई थी.

NSE से क्या होता है?

भारत का दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, NSE पर 1600 से ज्यादा कंपनिया लिस्टिड है, इसकी स्थापना 1992 में हुई थी. NSE के आ जाने से भारतीय शेयर बाजार में इलैक्टॉनिक एक्सचेंज सिस्टम की शुरुआत हुई. पहले शेयर बाजार का काम पेपर सिस्टम के जरिए हुआ करता था. NSE का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 ह

अवैध फोन टैपिंग: NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण गिरफ्तार, ED को मिली 4 दिन की रिमांड

ED ने गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया.

ED ने गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया.

ED ने गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट से ED को चार दिन क . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 14, 2022, 16:35 IST

हाइलाइट्स

प्रवर्तन निदेशालय ने NSE की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया है.
ईडी ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.
हाल ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में दर्ज हुई FIR में सीबीआई ने गंभीर आरोप लगाए थे.

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट से ED को चार दिन की रिमांड भी दी है. इससे पहले ED ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे, चित्रा रामकृष्ण, और रवि नारायण के खिलाफ अवैध फोन टैपिंग मामले और स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया.

ईडी ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा बुक किए जाने के एक सप्ताह बाद चित्रा रामकृष्ण, रवि नारायण और संजय पांडे के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

FIR में क्या-क्या हैं आरोप
लाइव मिंट की एक खबर के अनुसार, हाल में ही दर्ज की गई FIR में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण ने स्टॉक मार्केट के कर्मचारियों के फोन कॉल्स को अवैध रूप से इंटरसेप्ट करने के लिए मुंबई के सेवानिवृत्त पुलिस आयुक्त संजय पांडे द्वारा स्थापित एक कंपनी iSEC सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को शामिल किया था.

एफआईआर में यह आरोप भी लगाया गया कि संजय पांडे की कंपनी को कथित तौर पर स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों के फोन टैप करने के लिए ₹4.45 करोड़ का भुगतान प्राप्त हुआ था. कहा गया है कि फोन टैपिंग को NSE में “साइबर कमजोरियों के आवधिक अध्ययन” (Periodic Study of Cyber Vulnerabilities) के रूप में छिपाया गया था.

साथ ही यह आरोप भी लगाया गया है कि सिर्फ फोन टैपिंग ही नहीं, संजय नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पांडे की कंपनी ने शेयर बाजार के सीनियर मैनेजमेंट को टेप की गई बातचीत के टेप भी उपलब्ध कराए.

अवैध रूप से मशीनें लगाकर टेप किए फोन
CBI ने अपने एक बयान में कहा था, “… NSE के टॉप अधिकारियों ने उक्त निजी कंपनी के पक्ष में समझौता और कार्य आदेश जारी किया और भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन में, मशीनें लगाकर अपने कर्मचारियों के फोन कॉल को अवैध रूप से इंटरसेप्ट किया.” और “इस मामले में एनएसई के कर्मचारियों की भी सहमति नहीं ली गई.”

जांच एजेंसी ने FIR में संजय पांडे, उनकी दिल्ली स्थित कंपनी, NSE के पूर्व एमडी और सीईओ नारायण और रामकृष्ण, एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट रवि वाराणसी और हेड (परिसर) महेश हल्दीपुर को नामजद किया था.

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जुलाई 2022 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के नए एमडी और सीईओ के रूप में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज किसे नियुक्त किया गया है?

kbc offline Quiz (फोटोः Twitter/@SonyLiv)

KBC 14 2022 Daily Offline Quiz 16 August, 24x7 Quiz, KBC offline quiz answers today: जुलाई 2022 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के नए एमडी और सीईओ के रूप में किसे नियुक्त किया गया है?

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उत्तर: B. आशीष कुमार चौहान

जुलाई 2022 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के नए एमडी और सीईओ के रूप में आशीष कुमार चौहान को नियुक्त किया गया है. एनएसई की असाधारण आम सभा 11 अगस्त को आयोजित की गई थी. इसमें शेयरधारकों ने 99.99 फीसदी मतों से चौहान की नियुक्ति को मंजूरी दी. चौहान इससे पहले बीएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ थे. चौहान ने 26 जुलाई को एनएसई के प्रमुख का पद संभाला था. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज ऑफ इंडिया (सेबी) ने 18 जुलाई को ही चौहान की नियुक्ति को मंजूरी दी थी. उन्होंने विक्रम लिमये की जगह ली है, जिनका एनएसई में पांच साल का कार्यकाल 16 जुलाई को पूरा हो गया था. चौहान ने आईआईटी और आईआईएम से पढ़ाई की है. और साल 1993 से लेकर 2000 के दौरान क्षेत्र में काम के लिए भारत में मॉर्डन फाइनेंशियल डेरिवेटिव्स का जनक कहा जाता है. उन्होंने निफ्टी इंडैक्स को भी बनाया और वे पहली स्क्रीन बेस्ड ट्रेडिंग को बनाने के इनचार्ज भी है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत IDBI के साथ एक बैंकर के तौर पर की थी.

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