बिटकॉइन एक्सचेंज के साथ शुरुआत से सॉफ्टवेयर को अद्यतित रखने के मामले में कभी न खत्म होने वाली चुनौती है। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट टीम के साथ संपर्क बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वे इस तरह से काम नहीं करते हैं कि एक बार एक्सचेंज बना लिया और इसे भुला दिए जाने की संभावना है, और एक्सचेंज अब दूसरों के लिए विकास के स्रोत के रूप में काम नहीं करेगा।
क्रिप्टोकरेंसी मैचिंग इंजन क्या है और यह कैसे काम करता है?
क्रिप्टो-एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के अस्तित्व का प्रमुख उद्देश्य क्या है? डिजिटल मुद्राओं और फिएट मनी के बीच व्यापार को आसान बनाने के लिए कई एक्सचेंज प्लेटफॉर्म स्थापित किए गए हैं। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि प्रत्येक क्रिप्टो एक्सचेंज की रीढ़ एक ऑर्डर मैचिंग इंजन है ( OME)।
ऑर्डर के मैचिंग की प्रक्रिया को क्रिप्टोकरेंसी मैचिंग इंजन कहा जाता है । क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के धड़कते दिल के रूप में, ऐसे इंजन सभी उपयोगकर्ता ऑर्डर रखते हैं, जिससे फर्म को क्या क्रिप्टोकरेंसी के साथ लीवरेज संभव है? प्रभावी ढंग से चलाने में मदद मिलती है। धारक बाजार की स्थितियों के आधार पर अधिकतम संभव मूल्य पर संपत्ति खरीदने और बेचने के लिए एक मैचिंग इंजन का उपयोग करके अपने लाभ मार्जिन में सुधार कर सकते हैं।
यह स्वचालित प्रणाली, विशेष रूप से, यह आकलन करने का प्रभारी है कि बाजार कितनी दूर तक प्रवेश कर चुका है। एक बार रखे जाने के बाद, ऑर्डर को उद्देश्य (बिड / आस्क), समय और कीमत के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है। जब कोई इंजन यह निर्धारित करता है कि आस्क और बिड आदेश सिंक में हैं, एक लेनदेन तुरंत किया जाता है। व्यापारी और निवेशक लेनदेन को रद्द करने का विकल्प भी चुन सकते हैं यदि उन्हें लगता है कि परिस्थितियां इसे उचित ठहराती हैं।
वह कौन सी प्रक्रिया है जिसके द्वारा मैचिंग इंजन काम करता है?
यदि बैक-टू-बैक रिवर्स ऑर्डर दोनों की कुल राशि क्रिप्टोकरेंसी मैचिंग इंजन के वर्तमान कुल के बराबर या उससे अधिक है, तो यह एक लेनदेन को अंजाम दे सकता है। मार्केट ऑर्डर, लिमिट ऑर्डर, स्टॉप-लिमिट ऑर्डर और अन्य प्रकार के ऑर्डर मैचिंग इंजन के एल्गोरिदम का उपयोग करके सभी को निष्पादित किया जा सकता है।
विभिन्न प्रकार के एल्गोरिदम का उपयोग करके, वास्तविक समय में ऑर्डर खरीदने और बेचने के लिए संभव है। FIFO एल्गोरिदम, जो ऑर्डर के आधार पर प्राथमिकता देता है, का उपयोग अधिकांश व्यवसायों द्वारा किया जाता है। यदि दो ऑर्डर का समान मूल्य है लेकिन अलग-अलग प्रवेश समय हैं , इंजन पहले प्रवेश समय के साथ एक का चयन करेगा।
इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए, मैचिंग इंजन सॉफ्टवेयर का एक जटिल टुकड़ा है जो एक ही समय में कई व्यापारिक जोड़े से डेटा को सिंक्रनाइज़ और जोड़ता है। कंप्यूटर वैज्ञानिकों को केवल एक मजबूत मैचिंग इंजन बनाने क्या क्रिप्टोकरेंसी के साथ लीवरेज संभव है? के लिए प्रभारी होना चाहिए जो प्रसंस्करण आदेशों को माइक्रोसेकंड में सक्षम करे।
B2Broker से B2Trader क्या है?
एक लंबे विकास और एकीकरण चरण के बाद, B2Broker क्रिप्टोकरेंसी मैचिंग इंजन को 2018 में ग्राउंड-ब्रेकिंग तकनीकी प्रगति को शामिल करने के बाद पेश किया गया था। लंबे समय तक विकास और एकीकरण चरण के बाद, B2Broker मैचिंग इंजन का दूसरा संस्करण 2019 में ग्राउंड ब्रेकिंग तकनीकी प्रगति को शामिल करने के बाद पेश किया गया था।
2011 में जारी किए गए B2Trader क्या क्रिप्टोकरेंसी के साथ लीवरेज संभव है? के मूल संस्करण में लगभग 70 विभिन्न उपकरण शामिल हैं और अब इसका उपयोग दुनिया के कुछ सबसे प्रसिद्ध एक्सचेंजों द्वारा किया जा रहा है। B2Trader की ऑर्डर बुक में एक उपयोगकर्ता के ऑर्डर का दूसरे के लिमिट ऑर्डर के साथ मैचिंग किया जाता है, और ट्रांजेक्शन ऑर्डर बुक पर निष्पादित होता है, और परिणाम रिपोर्ट किए जाते हैं। B2Broker का समाधान अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन और कार्यक्षमता के कारण सभी बाजार खिलाड़ियों के लिए सर्वोत्तम संभव निष्पादन प्रदान करता है।
क्या 1 लाख डॉलर तक पहुंचेगा Bitcoin? जानिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले का क्या हो रहा असर
Bitcoin outlook 2022: अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस साल एक्सेस लिक्विडिटी को कम करने के लिए बॉन्ड टैपरिंग प्रोग्राम पर आगे बढ़ रहा है. टैपरिंग प्रोग्राम के तहत वह धीरे-धीरे कम बॉन्ड खरीदेगा और आने वाले दिनों में इंट्रेस्ट रेट में भी बढ़ोतरी संभव है. फेडरल रिजर्व के इस फैसले का क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पर असर साफ दिख रहा है.
दोपहर के 12.50 बजे बिटक्वॉइन 4.11 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 41400 डॉलर के करीब ट्रेड कर रहा था. जनवरी महीने में अब तक बिटक्वॉइन के मार्केट कैप में 80 बिलियन डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई है. ऐसे में बिटक्वॉइन के 1 लाख डॉलर तक पहुंचने की संभावना पर बादल मंडराने लगे हैं. क्रिप्टो बाजार के जानकारों का कहना है कि यह अपने लक्ष्य तक जरूर पहुंचेगा, हालांकि इसमें देर होगी.
65 हजार डॉलर तक पहुंचा था बिटक्वॉइन
कोरोना काल में बिटक्वॉइन 65 हजार डॉलर के पार तक पहुंचा था जो अब तक का रिकॉर्ड हाई है. वर्तमान स्तर से 1 लाख डॉलर तक पहुंचने में बिटक्वॉइन में 130 फीसदी से ज्यादा का उछाल जरूरी है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इतिहास पर गौर करें तो बिटक्वॉइन ने सालाना आधार पर कई बार ट्रिपल डिजिट में रिटर्न दिया है. हालांकि, वर्तमान हालात में ट्रिपल डिजिट ग्रोथ बहुत मुश्किल है. फेडरल के फैसले का इसकी कीमत पर सीधा-सीधा असर होगा.
मिलर तबाक के चीफ मार्केट स्ट्रैटिजिस्ट मैट मैले ने कहा कि कोरोना के कारण अमेरिकी फेडरल के साथ-साथ दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने बड़े पैमाने पर नोट छापे. क्रिप्टोकरेंसी में तेजी का सबसे प्रमुख कारण यही था. अब फेडरल रिजर्व बॉन्ड टैपरिंग की दिशा में काम कर रहा है तो इसकी कीमत पर प्रभाव निश्चित है.
इंट्रेस्ट रेट बढ़ने पर बढ़ेगी परेशानी
जब फेडरल रिजर्व इंट्रेस्ट रेट बढ़ाएगा तो निवेशकों के लिए कर्ज उठाए पैसे से क्रिप्टोकरेंसी बाजार में निवेश क्या क्रिप्टोकरेंसी के साथ लीवरेज संभव है? का रिस्क उठाना ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा. पिछले दो सालों में इन निवेशकों ने बहुत कमाई की है. ऐसे में वे अपना क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टमेंट बेचकर निवेश के सुरक्षित साधनों की तरफ आकर्षित होंगे.
गोल्डमैन सैक्श के ऐनालिस्ट Zach Pandl ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगर क्रिप्टोकरेंसी इसी तरह गोल्ड मार्केट में दखल बढ़ाता रहेगा तो बिटक्वॉइन 1 लाख डॉलर का आंकड़ा आसानी से पार कर जाएगा. फाइनेंशियल एक्सपर्टस सलाह दे रहे हैं कि अगर आपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टोकरेंसी को शामिल किया है तो एकबार फिर से पोर्टफोलियो को चेक करें.
Cryptocurrency की दुनिया में भूचाल! रिकॉर्ड हाई से 50% लुढ़का बिटकॉइन, जानें क्या है वजह?
Cryptocurrency News: क्रिप्टकरेंसी की दुनिया में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। पिछले कुछ समय से बिटकॉइन (Bitcoin) समेत अन्य टोकन में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। शनिवार को क्रिप्टो मार्केट में जबरदस्त उथल-पुथल (Crypto market crash) का माहौल रहा। दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल करेंसी बिटकॉइन में भारी गिरावट दर्ज की गई।
बिटकॉइन नवंबर में अपने पीक पर था, तब से अब तक यह 45% नीचे आ चुका है। इस गिरावट के बाद बिटकॉइन के मार्केट वैल्यू में 600 बिलियन डॉलर से अधिक की कमी दर्ज की गई है। वहीं, कुल क्रिप्टो मार्केट को 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है। बेस्पोक इन्वेस्टमेंट ग्रुप के अनुसार, बिटकॉइन और टोटल क्रिप्टो बाजार दोनों के लिए यह बड़ी गिरावट आई है। डॉलर के संदर्भ में इसे दूसरी सबसे बड़ी गिरावट कह सकते हैं।
Cryptocurrency in India: भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ी खबर, सरकार ने उठाया ये कदम
Cryptocurrency in India: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ी खबर है. क्रिप्टोकरेंसी हाइपर फंड (Cryptocurrency Hyper fund) नाम की कंपनी पर सरकार नज़र रख रही है. वित्तीय धोखाधड़ी की जांच के लिए जिम्मेदार एजेंसियां कंपनी पर नज़र रख रही हैं. डीईएफआई हाइपर फंड हाल ही में रडार पर आया है. सूत्रों के मुताबिक इस तरह के फंड के खिलाफ कई राज्यों में शिकायतें मिलने लगी हैं. भारत में आरबीआई, केंद्रीय वित्त मंत्रालय और सेबी ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) ट्रेडिंग के खिलाफ लोगों को चेतावनी दी थी. आरबीआई जल्द ही भारत की आधिकारिक डिजिटल मुद्रा-ए रुपया (Mudra-e-Rupaya) लॉन्च करने की योजना बना रहा है.
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वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) भी लीगल टेंडर नहीं है. इसलिए वीसी मुद्राएं नहीं हैं. आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसने किसी भी इकाई/कंपनी को बिटकॉइन या किसी वर्चुअल करेंसी के संचालन या लेनदेन के लिए कोई लाइसेंस/प्राधिकरण नहीं दिया है. जून 2018 में अमित भारद्वाज को पुणे पुलिस ने उनके भाई विवेक भारद्वाज के साथ कथित पोंजी योजना के सिलसिले में दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था. भारद्वाज ने अपना खुद का बिटकॉइन माइनिंग ऑपरेशन (Bitcoin Mining Operation) शुरू किया और कथित तौर पर देश भर से 8,000 से अधिक लोगों को 2,000 करोड़ रुपये की ठगी की.
उन्होंने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्हें जबरन वसूली का कॉल आया और उन्हें 6 सितंबर, 2021 को सुरक्षा राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया. उन्होंने निवेशकों को बिटकॉइन देने के लिए बहला-फुसलाकर मल्टी-लेवल मार्केटिंग (Multi Level Marketing) घोटाला किया था. पुलिस ने अधिक रिटर्न का वादा करने के बदले में आरोप लगाया था. यूके में नियामकों ने इस तरह के फंड के खिलाफ चेतावनी जारी की है और फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी (एफसीए) ने हाइपर फंड और फंड एडवाइजर दोनों के लिए चेतावनी जारी की है.
बिटकॉइन में 100 रुपये का निवेश आपको बना सकता था 7.5 करोड़ का मालिक
क्या है बिटकॉइन ?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं . यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पाउन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में भी एक्सचेंज किया जा सकता है. यह करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकाइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. दुनियाभर के बड़े बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन में
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