LIC की ये स्कीम आपको बनाएगी लखपति! बस हर महीने 900 रुपये का करना होगा निवेश
एलआईसी आधार शिला योजना के तहत न्यूनतम 75,000 रुपये और अधिकतम 3 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। इस मैच्योरिटी अवधि न्यूनतम 10 वर्ष और अधिकतम 20 वर्ष है।
LIC की ये स्कीम आपको बनाएगी लखपति! बस हर महीने 900 रुपये का करना होगा निवेश (File Photo)
अगर आप कम पैसा निवेश कर एक अच्छा फंड बनाना चाहते हैं, जिससे आप कुछ ही सालों में लाखों रुपये कमा सकें तो आपको एलआईसी की इस स्कीम के बारे में जानना चाहिए। यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प भी देता है। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की यह स्कीम एक अच्छी योजना मानी जा रही है, जो महिलाओं को आत्मनिर्भन बनाने के लिए लाई गई है। यह योजना महिलाओं के हित को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इस योजना का नाम एलआईसी आधार शिला योजना है। इसके तहत 8 से 55 साल की उम्र की महिलाएं निवेश कर सकती हैं।
एलआईसी का आधार शिला प्लान अपने ग्राहकों को सुरक्षा और बचत दोनों देता है। लेकिन इसका फायदा सिर्फ वही महिलाएं उठा सकती हैं, जिनके पास वैध आधार कार्ड है। एलआईसी की यह योजना पॉलिसीधारक और उसकी मृत्यु के बाद परिवार को वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है। इस योजना में हर महीने 900 रुपये का निवेश आपको लखपति बना सकता है।
एलआईसी आधार शिला योजना के तहत न्यूनतम 75,000 रुपये और अधिकतम 3 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। इस मैच्योरिटी अवधि न्यूनतम 10 वर्ष और अधिकतम 20 वर्ष है। अधिकतम परिपक्वता की आयु 70 वर्ष है। वहीं इस योजना के तहत आप महीने, त्रैमासिक, छमाही व वार्षिक पैसा निवेश कर सकते हैं।
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ऐसे मिलेंगे लाखो रुपये
इस योजना में अगर आप 20 साल के लिए हर महीने 899 रुपये या हरदिन के 29 रुपये का निवेश करते हैं। पहले साल में आपके पास कुल 10,959 रुपये जमा होंगे। इसपर आपको 4.5 फीसदी टैक्स देना होगा, यानी अगले साल आपको 10,723 रुपये चुकाने होंगे। आप ये प्रीमियम हर महीने या तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर जमा कर सकते हैं। इस तरह आपको 20 साल में 2,14,696 रुपये जमा करने होंगे और मैच्योरिटी के समय आपको कुल 3,97,000 रुपये मिलेंगे।
Post Office के इस स्कीम में करें हर महीने 12,000 रुपये का निवेश, मैच्योरिटी पर मिलेंगे एक करोड़ से अधिक रुपये
यह डाकघर बचत योजना 7.1 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज दर प्रदान करती है। इस योजना की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है, लेकिन इसके बाद इसे और 5 वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है। अगर आपको 15 साल की अवधि के अंत में इसकी आवश्यकता नहीं है तो आप फंड को आगे बढ़ा सकते हैं।
Post Office के इस स्कीम में करें हर महीने 12,000 रुपये का निवेश, मैच्योरिटी पर मिलेंगे एक करोड़ से अधिक रुपये (File Photo)
यदि आप इस वजह से निवेश नहीं करना चाहते हैं कि आपको डर है कि आपको पैसा कहीं डूब न जाए तो आपको डाकघर की योजनाओं में निवेश करना चाहिए। यहां पैसा सुरक्षित माना जाता है। यहां आप अपनी सुविधा अनुसार कई योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। डाकघर में कुछ ऐसी स्कीम हैं, जो आपको कुछ सालों में अच्छा मुनाफा भी देती है। खासकर डाकघर की छोटी बचत योजनाओं में पैसा जमा करना एक बेहतर विकल्प है। इन विकल्प योजनाओं में आपको छोटी से लेकर लंबी अवधि के लिए निवेश करने को मिलता है। अगर आपके पास लंबी अवधि की निवेश रणनीति है तो आपको पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश करना चाहिए।
यह डाकघर बचत योजना 7.1 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज दर प्रदान करती है। इस योजना की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है, लेकिन इसके बाद इसे और 5 वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है। अगर आपको 15 साल की अवधि के अंत में इसकी आवश्यकता नहीं है तो आप फंड को आगे बढ़ा सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको अधिक चक्रवृद्धि लाभ प्राप्त होंगे।
इस बचत योजना में अधिकतम राशि हर साल 1.50 लाख रुपये रखी जा सकती है। आप साल में एक बार एक निवेश योजना के साथ आओ 1.50 लाख रुपये जमा करने की बजाय 12500 रुपये मासिक जमा कर सकते हैं। इसके अलावा, आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत, आप अपने पीपीएफ खाते पर कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। इस खाते में अर्जित ब्याज और परिपक्वता आय कर-मुक्त भी है। बचत योजना में 22.5 लाख रुपये के निवेश पर आपको 18 लाख रुपये का ब्याज दिया जाता है। जिसकी मैच्योरिटी वर्ष 15 वर्ष दी गई है।
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15 साल में 40 लाख से अधिक फंड
अगर आप प्रत्येक महीने इस योजना में 12,500 रुपये का निवेश करते हैं तो एक साल में आपके पास 1.50 लाख रुपये हो जाएंगे। वहीं 15 साल में कुल निवेश 22.50 लाख रुपये हो जाते हैं, जिसपर आपको वार्षिक ब्याज दर 7.1 प्रतिशत दिया जाता है। गणना के आधार पर मैच्योरिटी राशि कुल 40.70 लाख रुपये हो जाती है, इसमें 18.20 लाख रुपये का ब्याज लाभ होता है।
25 साल तक जमा करने पर
25 साल के लिए 12,500 रुपये हर महीने के हिसाब से जमा करने पर 40.70 लाख की रकम दो गुने से भी अधिक हो जाती है। इसपर वार्षिक ब्याज दर 7.1 फीसद लागू रहता है, जो कुल अमाउंट पर हर साल लगाया जाता है। 25 वर्षों में कुल निवेश की राशि 37.50 लाख रुपये होती है। और ब्याज लाभ के साथ इसकी गणना करें तो 62.50 लाख रुपये ब्याज लाभ के साथ कुल मैच्योरिटी राशि 1.03 करोड़ रुपये हो जाती है।
Post Office Scheme: इस योजना में ₹100 से ही शुरू कर सकते हैं निवेश, मैच्योरिटी पर मिलेगा भरपूर पैसा
आरडी खाते में कुछ-कुछ पैसे जमा करके भी बड़ा फंड बनाया जा सकता है.
अगर आप ऐसी जगह निवेश (Investment) करना चाहते हैं, जहां रिटर्न भी बेहतर मिले और पैसा भी सुरक्षित रहे तो आपको डाकघर की आ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : August 20, 2022, 08:25 IST
हाइलाइट्स
आरडी खाते में पैसे जमा करने की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है.
रेकरिंग डिपोजिट (RD) 1 साल, 2 साल, 3 साल के लिए अपनी सुविधा के मुताबिक खोली जा सकती है.
Post office की RD योजना में 18 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति अपना खाता खुलवा सकता है.
नई दिल्ली. भविष्य की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें आज से ही बचत करने की जरूरत होती है. बचत के लिए हमें किसी ऐसी स्कीम में पैसा निवेश करने की जरूरत होती है जहां हमारा पैसा सुरक्षित तो रहे ही, साथ ही अच्छा रिटर्न भी मिले. अगर आपको भी किसी ऐसी योजना की तलाश है तो आपको पोस्ट ऑफिस की रिकरिंग डिपॉजिट योजना (Post Offfice Recurring Deposit-RD) में निवेश करना चाहिए.
पोस्ट ऑफिस की आरडी की खास बात यह है कि यह योजना सरकार की देखरेख में चलती है इसलिए पैसा डूबने का कोई खतरा नहीं. आरडी खाते में कुछ-कुछ पैसे जमा करके भी बड़ा फंड बनाया जा सकता है. आरडी खाता महज 100 रुपये की जमा राशि के साथ भी शुरू किया जा सकता है. रेकरिंग डिपॉजिट स्कीम (RD) पर फिलहाल 5.8 परसेंट का ब्याज मिल रहा है.
जमा की अधिकतम सीमा नहीं
आरडी खाते में पैसे जमा करने की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है. रेकरिंग डिपोजिट (RD) 1 साल, 2 साल, 3 साल के लिए अपनी सुविधा के मुताबिक खोली जा सकती है. इसमें जमा पैसों पर ब्याज तिमाही लगाया जाता है। हर तिमाही के आखिर में आपके अकाउंट में जोड़ (कंपाउंड इंटरेस्ट के साथ) दिया जाता है.
Post office की RD योजना में 18 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति अपना खाता खुलवा सकता है. इस योजना में ज्वाइंट अकाउंट भी खुलवाया जा सकता है. एक अभिभावक की तरफ से नाबालिग का खाता भी खुलवाया जा सकता है. 10 वर्ष के ज्यादा के उम्र का नाबालिग है तो उसके नाम से भी खाता खुलवाया जा सकता है.
ऐसे बनेगा बड़ा फंड
अगर आप हर महीने पोस्ट ऑफिस की RD स्कीम में 10 हजार रुपए 10 साल तक निवेश करते हैं, तो आपको 10 साल बाद 5.8 परसेंट की ब्याज दर पर 16 लाख रुपये से भी ज्यादा मिलेंगे. यानी अगर आप हर महीने 10000 रुपये डालते हैं और इस पर 5.8 फीसदी की दर से ब्याज मिलने पर 10 साल की मैच्योरिटी पर 16,28,963 रुपये मिलेंगे.
लोन सुविधा का लाभ
Post Office RD में लोन की सुविधा भी मिलती है. 12 किस्तें जमा के बाद ही लोन लिया जा सकता है. खाते में जमा राशि के 50 फीसदी हिस्से तक की रकम लोन के तौर पर ली जा सकती है. लेकिन लोन पर RD पर मिलने वाले ब्याज से 2 फीसदी ज्यादा ब्याज चुकाना होगा. अगर RD की अवधि तक लोन नहीं चुकाया गया तो मैच्योरिटी की रकम में से कर्ज के तौर पर दिये रकम को काट लिया जाएगा.
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बेहतर रिटर्न के लिए कहां निवेश करें?
कानपुर के कमल कांत वर्मा एक निजी कंपनी में अट्ठारह साल काम करने के बाद इसी साल रिटायर हुए हैं। एक सप्ताह पहले उन्हें सारी बकाया राशि मिल गई। वह इसमें से 10 लाख रुपये किसी ऐसी सुरक्षित जगह निवेश क ना चाहते हैं, जहां उनके रुपये डूबने का खतरा न हो और जिससे उनके रिटायर्ड जीवन में मदद मिलती रहे। उन पर कोई वित्तीय देनदारी नहीं है और वह अपने ही घर में रहते एक निवेश योजना के साथ आओ हैं। उनके दो बेटे मुंबई और बंगलूरू में नौकरी करते हैं। दरअसल पिछले 18-20 साल से रोजाना 12-14 घंटे की नौकरी कर वह थक चुके हैं, लिहाजा रिटायरमेंट के बाद पत्नी के साथ कुछ दिन आराम से गुजारना चाहते हैं।
सुरक्षित निवेश एक मिथक बचत और निवेश के साथ जोखिम हमेशा जुड़ा रहा है। फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक में की गई बचत से निश्चित रिटर्न मिलता है, लेकिन इसका वास्तविक मूल्य बढ़ता नहीं है। इन निवेश योजनाओं में मिलने वाले ब्याज से मुद्रास्फीति की दर और चुकाए गए आयकर को घटा दें, तो आपके हाथ शायद ही कुछ आता है। जैसे, आठ प्रतिशत के गारंटेड रिटर्न में से 6.5 फीसदी की मुद्रास्फीति की दर और 10 फीसदी आयकर को घटा दें, तो वास्तविक रिटर्न 0.7 फीसदी ही होता है। चूंकि फिक्स्ड रिटर्न ब्याज में लगातार कमी आ रही है और मुद्रास्फीति की दर निरंतर ऊपर जा रही है, ऐसे में, बैंक में रखे रुपये का मूल्य नहीं बढ़ रहा।
इक्विटी या डेट फंड में निवेश का हमेशा ही जोखिम रहता है। यह जोखिम दो किस्म का होता है-एक तो जो मूलधन आप लगाते हैं, उस पर असर पड़ने की आशंका रहती है, दूसरा यह कि निवेश पर मिलने वाला रिटर्न भी अपेक्षा से कम हो सकता है या नहीं मिल सकता है। मसलन, म्यूचुअल फंड्स में निवेश पर रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है। जबकि इक्विटी और डेट म्यूचुअल फंड्स में निवेश न केवल टैक्स बचत के लिहाज से लाभकारी है, बल्कि लंबी अवधि में इस पर मुद्रास्फीति का भी असर नहीं होता।
वरिष्ठ नागरिक की दुविधा
वरिष्ठ नागरिक सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम और प्रधानमंत्री वय वंदन योजना जैसे गारंटीशुदा रिटर्न योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। पर इन योजनाओं में मिलने वाला रिटर्न घटने से उन्हें बहुत लाभ नहीं हो रहा। अनेक वरिष्ठ नागरिक बैंक जमा और बचत पर मिलने वाले ब्याज पर निर्भर हैं। यह रवैया आर्थिक रूप से बेहद घातक है, क्योंकि एक तरफ साल दर साल उनकी आय घट रही है, दूसरी ओर, उनके घर का खर्च बढ़ रहा है। बेहतर रिटर्न के लिए उन्हें कुछ खतरा उठाने को तैयार रहते हुए अपनी बचत को निवेश के लिए अलग-अलग समयावधि वाली दो-तीन योजनाओं में बांट देना चाहिए।
इनमें से एक निवेश योजना सात साल की, जिसमें जोखिम है, दूसरी निवेश योजना चार से सात साल की, जिसमें जोखिम कुछ कम है और तीसरी योजना बगैर किसी जोखिम के चार साल की हो सकती है। सात साल एक निवेश योजना के साथ आओ के लिए निवेश लार्ज कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में करना चाहिए। इसमें जोखिम तो है, पर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में वे कम जोखिम वाले हैं। इक्विटी में निवेश का रिटर्न ज्यादा मिलता है, इस पर मुद्रास्फीति का असर नहीं पड़ता और टैक्स बचत के लिहाज से भी यह लाभकारी है।
चार साल वाली निवेश योजना के तहत पीएमवीवीवाई या मध्य अवधि वाले किसी डेट फंड का चुनाव किया जा सकता है। डेट फंड हालांकि रिटर्न की गारंटी नहीं देते, पर इनका रिटर्न फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा होता है। और तीन-चार साल की निवेश योजना में कुछ पैसा बैंक में, और शेष लिक्विड म्यूचुअल फंड में रखना चाहिए, क्योंकि यह टैक्स बचत के लिहाज से लाभकारी है। कमल कांत वर्मा को अगर 10 लाख रुपये फिलहाल खर्च के लिए नहीं चाहिए, तो बेहतर रिटर्न हासिल करने के लिए इसे उन्हें अलग-अलग समय अवधि के म्यूचुअल फंड्स में रखना चाहिए।
कानपुर के कमल कांत वर्मा एक निजी कंपनी में अट्ठारह साल काम करने के बाद इसी साल रिटायर हुए हैं। एक सप्ताह पहले उन्हें सारी बकाया राशि मिल गई। वह इसमें से 10 लाख रुपये किसी ऐसी सुरक्षित जगह निवेश क ना चाहते हैं, जहां उनके रुपये डूबने का खतरा न हो और जिससे उनके रिटायर्ड जीवन में मदद मिलती रहे। उन पर कोई वित्तीय देनदारी नहीं है और वह अपने ही घर में रहते हैं। उनके दो बेटे मुंबई और बंगलूरू में नौकरी करते हैं। दरअसल पिछले 18-20 साल से रोजाना 12-14 घंटे की नौकरी कर वह थक चुके हैं, लिहाजा रिटायरमेंट के बाद पत्नी के साथ कुछ दिन आराम से गुजारना चाहते हैं।
सुरक्षित निवेश एक मिथक बचत और निवेश के साथ जोखिम हमेशा जुड़ा रहा है। फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक में की गई बचत से निश्चित रिटर्न मिलता है, लेकिन इसका वास्तविक मूल्य बढ़ता नहीं है। इन निवेश योजनाओं में मिलने वाले ब्याज से मुद्रास्फीति की दर और चुकाए गए आयकर को घटा दें, तो आपके हाथ शायद ही कुछ आता है। जैसे, आठ प्रतिशत के गारंटेड रिटर्न में से 6.5 फीसदी की मुद्रास्फीति की दर और 10 फीसदी आयकर को घटा दें, तो वास्तविक रिटर्न 0.7 फीसदी ही होता है। चूंकि फिक्स्ड रिटर्न ब्याज में लगातार कमी आ रही है और मुद्रास्फीति की दर निरंतर ऊपर जा रही है, ऐसे में, बैंक में रखे रुपये का मूल्य नहीं बढ़ रहा।
इक्विटी या डेट फंड में निवेश का हमेशा ही जोखिम रहता है। यह जोखिम दो किस्म का एक निवेश योजना के साथ आओ होता है-एक तो जो मूलधन आप लगाते हैं, उस पर असर पड़ने की आशंका रहती है, दूसरा यह कि निवेश पर मिलने वाला रिटर्न भी अपेक्षा से कम हो सकता है या नहीं मिल सकता है। मसलन, म्यूचुअल फंड्स में निवेश पर रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है। जबकि इक्विटी और डेट म्यूचुअल फंड्स में निवेश न केवल टैक्स बचत के लिहाज से लाभकारी है, बल्कि लंबी अवधि में इस पर मुद्रास्फीति का भी असर नहीं होता।
वरिष्ठ नागरिक की दुविधा
वरिष्ठ नागरिक सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम और प्रधानमंत्री वय वंदन योजना जैसे गारंटीशुदा रिटर्न योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। पर इन योजनाओं में मिलने वाला रिटर्न घटने से उन्हें बहुत लाभ नहीं हो रहा। अनेक वरिष्ठ नागरिक बैंक जमा और बचत पर मिलने वाले ब्याज पर निर्भर हैं। यह रवैया आर्थिक रूप से बेहद घातक है, क्योंकि एक तरफ साल दर साल उनकी आय घट रही है, दूसरी ओर, उनके घर का खर्च बढ़ रहा है। बेहतर रिटर्न के लिए उन्हें कुछ खतरा उठाने को तैयार रहते हुए अपनी बचत को निवेश के लिए अलग-अलग समयावधि वाली दो-तीन योजनाओं में बांट देना चाहिए।
इनमें से एक निवेश योजना सात साल की, जिसमें जोखिम है, दूसरी निवेश योजना चार से सात साल की, जिसमें जोखिम कुछ कम है और तीसरी योजना बगैर किसी जोखिम के चार साल की हो सकती है। सात साल के लिए निवेश लार्ज कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में करना चाहिए। इसमें जोखिम तो है, पर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में वे कम जोखिम वाले हैं। इक्विटी में निवेश का रिटर्न ज्यादा मिलता है, इस पर मुद्रास्फीति का असर नहीं पड़ता और टैक्स बचत के लिहाज से भी यह लाभकारी है।
चार साल वाली निवेश योजना के तहत पीएमवीवीवाई या मध्य अवधि वाले किसी डेट फंड का चुनाव किया जा सकता है। डेट फंड हालांकि रिटर्न की गारंटी नहीं देते, पर इनका रिटर्न फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा होता है। और तीन-चार साल की निवेश योजना में कुछ पैसा बैंक में, और शेष लिक्विड म्यूचुअल फंड में रखना चाहिए, क्योंकि यह टैक्स बचत के लिहाज से लाभकारी है। कमल कांत वर्मा को अगर 10 लाख रुपये फिलहाल खर्च के लिए नहीं चाहिए, तो बेहतर रिटर्न हासिल करने के लिए इसे उन्हें अलग-अलग समय अवधि के म्यूचुअल फंड्स में रखना चाहिए।
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