Car Insurance: ऑनलाइन या ऑफलाइन लेना है फायदे का सौदा, जानिए इस सवाल का जवाब
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इस डिजिटल युग में सबकुछ ऑनलाइन होता जा रहा है। जो लोग समय की बचत चाहते हैं और कम समय में अपने काम निपटाना चाहते हैं उनके लिए डिजिटल सिस्टम फिट बैठता है। इसी प्रकार इंश्योरेंस इंडस्ट्री भी डिजिटल हो चुकी है, जिसमें सबसे ज्यादा ऑटो इंश्योरेंस इंडस्ट्री ऑफलाइन से ऑनलाइन की ओर शिफ्ट हो रही है। अगर आप कार का इंश्योरेंस करवाने की सोच रहे हैं तो हम आपको कार इंश्योरेंस में ऑफलाइन और ऑनलाइन के बीच अंतर के साथ बताएंगे कि कहां है आपका फायदा।
दस्तावेज की जरूरत नहीं
आज भी ऑफलाइन इंश्योरेंस खरीदते वक्त लंबे-लंबे फॉर्म भरने होते हैं, जो कि लोगों के लिए आसान नहीं होता है। वहीं ऑनलाइन मोड में किसी प्रकार के दस्तावेजों की जरूरत नहीं होती है। ऑनलाइन मोड ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद में कुछ फॉर्म भरने होते हैं, लेकिन उसमें सिर्फ बेसिक जानकारी ही भरनी होती है।
समय की बचत
आज हम ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां पर लोगों के पास समय की कमी है। समय बचाने का मतलब है कि पैसों की बचत करना और यह हर किसी के लिए जरूरी है। अगर आप ऑनलाइन इंश्योरेंस करवाते हैं तो उसमें समय बहुत कम लगता है। आप कभी भी ऑनलाइन इंश्योरेंस खरीद सकते हैं और आपको कहीं जाने की भी जरूरत नहीं होती है। जबकि ऑफलाइन प्रोसेस में अधिक समय लगता है, इंश्योरेंस करवाने के लिए कंपनी की ब्रांच में जाने की जरूरत होती है।
कम कीमत
ऑफलाइन इंश्योरेंस के लिए फिजिकल ऑफिस की जरूरत होती है, अधिक स्टाफ और साधनों की मदद से सबकुछ होता है। इन सब वजहों से इंश्योरेंस की कीमत अधिक हो जाती है। वहीं ऑफलाइन इंश्योरेंस के लिए फिजिकल सेल्स ऑफिस की जरूरत नहीं होती है और मैनपावर भी कम ही चाहिए होती है, जिसकी वजह से लागत कम हो जाती है और इंश्योरेंस की कीमत कम हो जाती है। इसका असर पॉलिसी कवरेज या उस पर दिए जाने वाले ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद ऑफर्स पर नहीं पड़ता है।
तुलना करने में आसान
अगर आपको ऑफलाइन मोड में इंश्योरेंस पॉलिसी की तुलना करनी हो तो आपको अलग-अलग कंपनियों की ब्रांच में जाना होगा जो कि बिल्कुल भी आसान नहीं है और इसमें समय और पैसे दोनों ज्यादा खर्च होंगे। वहीं ऑनलाइन मोड में आसानी से पॉलिसी की तुलना की जा सकती है। बहुत सी वेबसाइट मौजूद हैं जो पॉलिसी की आपस में तुलना करती हैं।
Mutual Fund में डायरेक्ट निवेश कैसे करते हैं, जानिए इसके क्या हैं फायदे व नुकसान
फंड ऑफ फंड्स कम रिस्क उठाने वाले छोटे निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है.
अगर आपका KYC पूरा हो चुका है तो आप म्यूचुअल फंड में सीधे ऑफलाइन या ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं. अगर आप ऑनलाइन ट्रांजैक्शन . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 20, 2021, 11:26 IST
Mutual Fund Investment: देश में म्यूचुअल फंड में निवेश तेजी से बढ़ा है. इस पर मिलने वाले अच्छे रिटर्न ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है. कुछ फंड्स ने तो साल भर में ही 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है. लेकिन अक्सर लोगों के सामने समस्या आती है कि म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें.
म्यूचुअल फंड्स में हम दो तरीके से निवेश कर सकते हैं. एक तो किसी भी निवेश प्लेटफॉर्म के माध्यम से पैसा लगा सकते हैं. जहां उनके फंड मैनेजर पैसे को अलग-अलग म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. दूसरा तरीका होता सीधे म्यूचुअल फंड में निवेश. यहां हम विस्तार से जानेंगे कि म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट निवेश कैसे करते हैं.
KYC जरूरी
अगर आपका KYC पूरा हो चुका है तो आप म्यूचुअल फंड में सीधे ऑफलाइन या ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं. अगर आप ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने में असहज महसूस करते हैं, तो आप नजदीकी शाखा में जाकर फंड में निवेश कर सकते हैं.
ऑनलाइन म्यूचुअल फंड की स्कीमों में सीधे निवेश करने का सबसे आसान तरीका है और आपको कमीशन भी नहीं देना पड़ता. आप फंड की वेबसाइट या उसके RTA की साइट या फिर फिनटेक प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं. फंड की वेबसाइट पर सीधे निवेश करने पर आपको कई लॉगिन मैनेज करने पड़ते हैं.
डायरेक्ट प्लान में निवेश
डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का मतलब है कि आप फिनांशियल प्लान बनाने, अपने गोल के लिए सबसे सही फंड्स को चुनने, अपने पोर्टफोलियो को नियमित तौर पर मैनेज करने और ज़रूरत पड़ने पर उसमें फेरबदल करने की जिम्मेदारी लेते हैं.
हर किसी को म्यूचुअल फंड में सही फंड चुनना और पोर्टफोलियो को मैनेज करना नहीं आता है. इसलिए डायरेक्ट प्लान उन निवेशकों के लिए है जो इसे आसानी से कर सकते हैं. अन्यथा, म्युचुअल फंड के बारे में कम जानकार लोगों को डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा निवेश करने की सलाह दी जाती है.
डायरेक्ट म्यूचुअल फंड निवेश
ऐसी कई फिनटेक कंपनियां हैं जो मुफ़्त या फीस लेकर डायरेक्ट म्यूचुअल फंड निवेश प्लेटफ़ॉर्म पेश करती हैं. इनमें से ज्यादातर प्लेटफ़ॉर्म्स SEBI के साथ रजिस्टर्ड है इस लिए अच्छी तरह से विनियमित और SEBI द्वारा अनिवार्य किए गए सुरक्षा एवं गोपनीयता दिशानिर्देशों द्वारा नियंत्रित हैं. आजकल तो फॉर्च्यून 500 कंपनियों को भी हैक किया जा सकता है और वैसे ही म्यूचुअल फंड के प्लेटफॉर्म को भी. हालांकि, इसकी संभावना बिल्कुल ना के बराबर है.
पैसा सुरक्षित रहता है
क्योंकि फिलहाल ज़्यादातर डायरेक्ट प्लेटफॉर्म्स पर स्टार्टअप्स का मालिकाना अधिकार है, जो लंबे समय तक बाज़ार में नहीं थे, संभावना हो ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद सकती है कि उनमें से कुछ बंद हो गयी होंगी या फिर बड़ी कंपनियों द्वारा खरीद ली गयी होंगी. लेकिन आपको इन रजिस्टर्ड प्लेटफार्मों द्वारा किए गए अपने निवेश के बारे में फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं है. भले ही ये प्लेटफार्म भविष्य में मौजूद ना रहें, क्योंकि आपके द्वारा निवेश किया गया पैसा म्यूचुअल फंड के अकाउंट में जाता है और फंड के पास आपके निवेश का लेखा-जोखा रखने के लिए SEBI से मान्यता प्राप्त रजिस्ट्रार है.
अपने निवेश को एक्सेस करने के लिए आप हमेशा फंड हाउस से संपर्क कर सकते हैं. अगर आप अपने यूज़र एक्सपीरियंस, फीस, इसकी सेवाओं से खुश हैं और अगर आपको संस्थापक टीम पर भरोसा है, तो डायरेक्ट प्लेटफ़ॉर्म चुनें. उनके भविष्य और उनके माध्यम से किए गए अपने निवेश के बारे में चिंता न करें. फंड हाउस के पास वे हमेशा सुरक्षित रहेंगे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
ऑनलाइन टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदने के कई फायदे, ऑफलाइन पर होगा नुकसान
ऑनलाइन टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदने की प्रक्रिया काफी सरल है। एक बार सही टर्म इंश्योरेंस प्लान का चयन करने के बाद पेमेंट की प्रक्रिया भी ऑनलाइन माध्यम से कर सकते हैं।
टर्म इंश्योरेंस को जीवन बीमा का सबसे अच्छा रूप माना जाता है
कोरोना काल के दौर में ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड बढ़ा है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं। घर बैठे शॉपिंग के अलावा ये प्लेटफॉर्म आपकी वित्तीय जरूरतों की दिक्कतों को भी दूर करता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कर्ज लेने के साथ ही निवेश के भी कई रास्ते खुले हैं। कर्ज, निवेश या बीमा, इसको आप अपनी वित्तीय जरूरतों के हिसाब से देख समझ सकते हैं।
बीमा की बात करें तो टर्म इंश्योरेंस प्लांस को जीवन बीमा का सबसे अच्छा रूप माना जाता है। इसका फायदे आपको तो नहीं लेकिन आपके परिवार को जरूर मिलता है। वर्तमान दौर ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए आप टर्म इंश्योरेंस प्लांस को खरीद सकते हैं। इसके लिए आपको कंपनी या बीमा एग्रीगेटर की वेबसाइट पर विजिट करना होगा।
कंपनी की वेबसाइट से सीधे टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें बीमा एजेंट या बीमा प्रतिनिधि की भूमिका खत्म हो जाती है। बीमा से संबंधित सभी जानकारियां और क्लेम आदि के लिए आप या आपका परिवार सीधे कंपनी से संपर्क में रहता है। ऑनलाइन टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदने पर लागत भी कम है।
Delhi Acid Attack: तीनों आरोपी चढ़े हत्थे, Flipkart से खरीदा था तेजाब, केजरीवाल बोले- ये बर्दाश्त से बाहर
Chief Ministers Property: अरविंद केजरीवाल, योगी आदित्यनाथ और भगवंत मान सब करोड़पति, जानिए सबसे कम संपत्ति वाले 9 मुख्यमंत्रियों के नाम
Jyotiraditya Scindia: अमित शाह संग यूं दिखे ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस नेता बोले- टाइगर जिंदा है? लोग भी ले रहे मजे
Deepika Padukone की फोटो शेयर कर CBI के पूर्व निदेशक बोले- पता नहीं कैसा पति है रणवीर, लोग करने लगे ट्रोल
ऑनलाइन के मुकाबले ऑफलाइन प्रीमियम 25 प्रतिशत तक महंगा होता है। दरअसल, ऑफलाइन प्लान लेने पर एजेंट को मिलने वाला कमीशन भी शामिल होता है। यही वजह है कि ऑफलाइन की बजाए ऑनलाइन टर्म इंश्योरेंस लेना ज्यादा फायदेमंद होता है। ऑनलाइन बीमा पॉलिसी में आपको एजेंट के फोन पर ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद निर्भर नहीं रहना होगा।
इसके अलावा ऑनलाइन टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदने की प्रक्रिया काफी सरल है। इसमें आपको कुछ जरूरी जानकारियां देनी होती है। बीमा के बारे में भी ऑनलाइन ही जानकारी ले सकते हैं। बीमा के आधार पर इंश्योरेंस कैलकुलेटर बताता है कि आपको वार्षिक, छमाही या मासिक प्रीमियम कितना जमा करना है।
पेमेंट की प्रक्रिया भी ऑनलाइन : एक बार आप सही टर्म इंश्योरेंस प्लान का चयन करने के बाद पेमेंट की प्रक्रिया भी ऑनलाइन माध्यम से कर सकते हैं। यही नहीं, डाक्युमेंट्स भी ऑनलाइन जमा होते हैं। हालांकि, मेडिकल जांच वाले मामलों में आपको ऑफलाइन प्रक्रिया से गुजरना होगा। ऑनलाइन बीमा खरीदने पर ऑप्शन ज्यादा होते हैं। इंश्योरेंस एग्रीगेटर के प्लेटफॉर्म पर जाकर विभिन्न बीमा कंपनियों की योजनाओं और विशेषताओं के बारे में जान सकते हैं।
इसके अलावा बीमा से जुड़ी ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद हर चीज पर आपका नियंत्रण होता है। उदाहरण के लिए आप अपने हिसाब से बीमा करवेज बढ़ा सकते हैं। अपने इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में नॉमिनी ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद को जानकारी जरूर दे देनी चाहिए। नॉमिनी को ये बता देना चाहिए कि कौन सी पॉलिसी है, कब पूरी होगी और इसके क्लेम की क्या प्रक्रिया है। इसके अलावा अपने बैंक को भी अकाउंट से प्रीमियम डेबिट होने की निर्धारित डेट की जानकारी दे देनी चाहिए, जिससे हर चीज सही वक्त पर होती रहे।
यह लेख मूल रूप से यहां पर छपा था
निवेश करने के 7 फायदे क्या हैं?
बचत की रकम को बढ़ाने के लिए निवेश करना जरूरी है. निवेश के सही विकल्पों में पैसा लगाने से आप लंबी अवधि में काफी संपत्ति जुटा सकते हैं.
अगर आपने 25 साल की उम्र से निवेश की शुरुआत कर दी तो सिर्फ एक लाख रुपये सालाना का निवेश आपको 60 साल की उम्र में पांच करोड़ रुपये का मालिक बना देगा.
निवेश का सही विकल्प चुनने से आपको बुढ़ापे के दौरान आय का स्रोत विकसित करने में मदद मिलती है.
2. संपत्ति बनाना
हर व्यक्ति अमीर बनना चाहता है. भविष्य की जरूरतों के लिए लोग छोटी-मोटी बचत तो कर लेते हैं, लेकिन बचत और निवेश का सही तरीका पता नहीं होने की वजह से वे अमीर नहीं बन पाते. अगर आप निवेश में अनुशासन बनाये रखें तो आप भी करोड़पति बन सकते हैं.
इक्विटी म्युचुअल फंड में नियमित निवेश कर लंबी ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद अवधि में अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. म्युचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न हालांकि शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है, लेकिन ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद लंबी अवधि में एसआईपी (SIP)के जरिए किया गया निवेश अच्छा रिटर्न देने में कामयाब रहा है.
अगर आपने 25 साल की उम्र से निवेश की ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद शुरुआत कर दी तो सिर्फ एक लाख रुपये सालाना का निवेश आपको 60 साल की उम्र में पांच करोड़ रुपये का मालिक बना देगा. इसके लिए 12% सालाना रिटर्न का अनुमान लगाया गया है. अगर निवेश में 10 साल की देर हो जाये तो इतनी ही संपत्ति जुटाने के लिए आपको सालाना ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद निवेश 3.5 लाख रुपये करना पड़ेगा.
3. वित्तीय लक्ष्य पूरा करना
आपको अपने वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रख कर निवेश करना चाहिए. यह अनुमान लगाना सबसे अहम है कि वित्तीय लक्ष्य के लिए आपको कितनी रकम चाहिए. आज से 10 साल बाद 1 करोड़ उतनी बड़ी रकम नहीं होगी, जितनी आज है. आपको महंगाई, क्रय क्षमता और जरूरतों को ध्यान में रखकर ही अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए.
इसलिए लक्ष्य के चयन से पहले कुछ गुणा-भाग कर लेना अक्लमंदी है. आपके आने वाले कल के लिए आज बेहद अहम है. मान लीजिए कि आज आपका बेटा उच्च शिक्षा के लिए जा रहा है. इसका खर्च 5 लाख रुपये है.
मान लीजिए कि आपके बच्चे को 15 साल बाद उच्च शिक्षा की आवश्यकता होगी. आपको यह जानना है कि 15 साल बाद आपको आज के 5 लाख रुपये के मुताबिक कितनी रकम की जरूरत होगी. उस समय तक महंगाई कितनी होगी. यह वित्तीय लक्ष्य का महज एक उदाहरण है.
यदि हम महंगाई दर को 9 फीसदी मानें, तो 15 साल बाद उस कोर्स की कीमत 5 लाख के बजाय 18.21 लाख ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद रुपये तक पहुंच जाएगी. अपने वित्तीय लक्ष्य की रकम प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि आप महंगाई के असली आंकड़ें लें.
4. रिटायरमेंट प्लानिंग
रिटायरमेंट के लिए बचत और उसका बेहतरीन रिटर्न वाले विकल्प में निवेश जरूरी है. रिटायरमेंट प्लान के लिए सिर्फ ईपीएफ योगदान पर निर्भरता सही नहीं है. रिटायरमेंट के बाद आपको हर महीने कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी, सबसे पहले इसका आंकलन करना होगा.
आप सामान के मौजूदा मूल्यों के आधार पर मासिक खर्च को निकालें. फिर 6 फीसदी की दर से सालाना महंगाई मानते हुए इसे बढ़ा दें. इससे आपको उस मासिक खर्च के बारे में पता चल जाएगा जिसकी जरूरत आपको रिटायरमेंट के बाद होगी.
अब यह देखें कि इसके लिए अभी से आपको कितने पैसों की बचत करने की जरूरत पड़ेगी. इंटरनेट पर इस तरह के कई कैलकुलेटर उपलब्ध हैं जो आपकी इसमें मदद कर सकते हैं.
अंत में उन निवेश उत्पादों के बारे में पता करें जिनमें आपको निवेश करना है. आप अपने रिटायरमेंट की खातिर धन जुटाने के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड का विकल्प चुन सकते हैं.
5.आर्थिक आजादी
अगर आप पैसे से जुड़ी जरूरतों के लिए अपने बच्चे या रिश्तेदारों पर निर्भर रहना नहीं चाहते तो आपको बेहतर रिटर्न देने वाले विकल्पों में निवेश करना चाहिए. अगर आप वरिष्ठ नागरिक बनने के बाद भी अपने जरूरी खर्च अपनी जेब से कर सकें तो यह आपके लिए आर्थिक आजादी है.
आपको इसके लिए इस तरह का निवेश करना होगा जिससे कि आपकी जरूरत के लायक रकम आपके पास नियमित रूप से आती रहे और आपकी पूंजी सुरक्षित रहे. आर्थिक आजादी के लिए आपको जॉब की शुरुआत करते ही निवेश शुरू कर देना चाहिए और लंबी अवधि की प्लानिंग करनी चाहिए.
6. महंगाई से मुकाबला
अगर आप निवेश के सही विकल्प चुनते हैं तो महंगाई की औसत दर के बाद भी कुछ सालों बाद आपके हाथ में आपकी जरूरत के लायक पैसे आते रहेंगे और आपकी पूंजी बची रहेगी.
मसलन निवेश के बेहतर विकल्प में आपको लंबी अवधि में सालाना 14-15% तक रिटर्न मिल सकता है. अगर किसी वजह से एक-दो साल में महंगाई की दर 8-10 फीसदी रहती है, तब भी आपके निवेश पर रिटर्न इससे अधिक मिलता रहेगा. वास्तव में आप इस तरह के विकल्प के माध्यम से महंगाई के असर को नजरंदाज कर अपने खर्च जारी रख सकते हैं.
7. कंपाउंडिंग का फायदा
अगर आप लंबी अवधि के लिए किसी Mutual Fund के ग्रोथ प्लान में निवेश करते हैं तो इसमें कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. मान लीजिये कि आपने 10,000 रुपये का निवेश किया और आपको पहले साल इस पर 8% रिटर्न मिला. इस हिसाब से आपके निवेश पर पहले साल का ब्याज 800 रुपये हुआ.
अब दूसरे साल में आपके निवेश की रकम 10,800 रुपये हो गयी. अगर इस पर भी आपको 8 फीसदी ही रिटर्न मिले तो आपके रिटर्न की रकम 864 रुपये हो गयी. अब तीसरे साल में आपके निवेश की रकम 11,664 रुपये हो गयी.
अब इस निवेश पर अगर आपको 10 फीसदी रिटर्न मिला तो आपका सालाना रिटर्न 1166 रुपये हुआ. इस हिसाब से चौथे साल में आपके निवेश की रकम 12,830 रुपये हो गयी. अब इस पर आपको सालाना ब्याज/रिटर्न मिलेगा.
हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 586