भारतीय सूफी कैसे इस्लाम को इंडोनेशिया ले गए
कई इतिहासकारों और इस्लामी विद्वानों का मानना है कि इंडोनेशिया में इस्लाम भारतीयों द्वारा फैलाया गया था न कि अरबों द्वारा। दुनिया के कई हिस्सों में अरबों द्वारा ही बिटकॉइन क्या है कैसे खरीदें और बेचे इस्लाम का विस्तार हुआ। इस विश्वास का समर्थन करने वाले मुख्य कारणों में से एक जावा और सुमात्रा में सुल्तान मलिक-अल-सालेह के मकबरों का अस्तित्व है जो भारत के गुजरात में पाए जाने वाले मकबरों के ही समान है। इसके अलावा इस्लाम के एक प्रसिद्ध डच विद्वान स्नूक हुरग्रोन्जे का भी तर्क है कि गुजराती मुसलमानों की कई प्रथाएं इंडोनेशियाई मुसलमानों में पाई जाने वाली प्रथाओं के ही समान है।
कई अन्य मध्यकालीन यात्रियों का मानना था कि सुमात्रा पहुंचने वाले सबसे पहले मुसलमान गुजरात और मालाबार से थे। साथ ही यह भी दावा किया जाता है कि मलिक-अल-सालेह की कब्र पर इस्तेमाल किया गया मकबरा गुजरात के कैंप्बे का है। दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश आधुनिक यूरोपीय नृवंश विज्ञानियों और इतिहासकारों का निष्कर्ष है कि इस्लाम गुजरात के माध्यम से ही इंडोनेशिया पहुंचा है। कई अरब विद्वानों ने दावा किया है कि इस्लाम सीधे ही अरब से यहां पहुंचा है।
एक लोकप्रिय सिद्धांत के अनुसार यह सूरत (गुजरात) में रैंडर के सूफी शेख रंदेरी थे जिन्होंने 13वीं शताब्दी में इंडोनेशिया की यात्रा की और वहां इस्लाम लाए। इब्नबतूता ने भी यही कहा है कि इस क्षेत्र में इस्लाम और उसने भारत में जो कुछ देखा उसमें कई समानताएं हैं। उनके अनुसार समूदेरा पासई (सुमात्रा) का शासक एक उत्साही मुसलमान था जिसने भारत में पाए जाने वाले रीति-रिवाजों के साथ अपने धार्मिक कत्र्तव्यों का पालन किया।
महत्वपूर्ण भूमिका सूफी मिशनरियों द्वारा निभाई गई थी जो भारत में गुजरात और बंगाल से काफी हद तक आए थे। मध्यपूर्व और भारत में इस्लाम के विपरीत इंडोनेशिया को बलपूर्वक नहीं जीता गया था। सूफी न केवल उपदेशक के रूप में आए बल्कि डीलरों और राजनेताओं के रूप में इंडोनेशिया आए। ऐसे दरवेश निरकुंशों के दरबार में व्यापारियों के तौर पर आए। सूफीवाद ईश्वर के प्रत्यक्ष ज्ञान में विश्वास रखता है। इसके सिद्धांत और शैलियां कुरान और इस्लामी खुलासे से तय होती हैं। सूफीवाद स्वतंत्र रूप से ग्रीक और वास्तव में ङ्क्षहदू स्रोतों से प्राप्त प्रतिमानों और समानताओं का उपयोग करता है।
द्वीप समूह में मौजूद हिंदू प्रशिक्षण के कारण सर्व ईश्वरवादी सिद्धांतों को धारा प्रवाह समझा गया था। सूफी दृष्टिकोण और हिंदू धर्म के बीच समानता महान थी। सूफियों ने मस्जिदों में प्रार्थना करने के महत्व को कम किया। उनका विश्वास ईश्वर के व्यक्तिगत रहस्यमय अनुभव पर केंद्रित था। दूसरी ओर इंडोनेशियाई इस्लाम को अक्सर बिटकॉइन क्या है कैसे खरीदें और बेचे उस भाग के आधार पर स्वाभाविक रूप से उदारवादी होने के रूप में चित्रित करते थे जो रहस्यमय सूफीवाद ने इसे परम्पराओं को आकार देने में निभाया।
सूफी मिशनरियों के अलावा भारत के पश्चिमी तटों के व्यापारी भी मध्य युगीनकाल में जावा और सुमात्रा से जुड़े थे। उनके प्रभाव से बड़ी संख्या में व्यापारियों, अमीर कुलीनों और शासक वर्ग का इस्लाम में धर्मांतरण हुआ। हालांकि यह एक धीमी प्रक्रिया थी जिसने सदियों से द्वीप समूह में मुस्लिम आबादी का विस्तार किया।
यही कारण है कि इंडोनेशियाई इस्लाम जैसा कि भारत में अनुसरण किया जाता है, समन्वयवाद, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व में विश्वास करता है। एक स्वतंत्र धार्मिक पहचान रखते हुए हम एक सांस्कृतिक संश्लेषण पाते हैं। लोग प्रार्थना करते हैं, उपवास करते हैं और हज के लिए यात्रा करते हैं जैसे किसी मुसलमान को जाना चाहिए और फिर भी ङ्क्षहदुओं और बौद्धों द्वारा सांझी इंडोनेशियाई संस्कृति को गले लगाते हैं।-मो. उमर अशरफ
छत्तीसगढ़ के छात्रों में बढ़ रही है एयरोप्लेन साईंस में अभिरुचि
शेयर बाजार 25 दिसम्बर 2022 ,13:15
© Reuters. छत्तीसगढ़ के छात्रों में बढ़ रही है एयरोप्लेन साईंस में अभिरुचि
रायपुर, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के छात्रों में एयरोप्लेन साईंस की तरफ अभिरुचि तेजी से बढ़ रही है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेंटर भी इस दिशा में प्रयासरत है। इसके तहत हैण्ड्स ऑन ट्रेनिंग कम वर्कशॉप में छात्रों ने एयरोप्लेन को मॉडल बनाकर उड़ाने के अनुभव को जाना।आखिर हवाई जहाज कैसे उड़ता है, यह जानने की हर किसी के मन में जिज्ञासा होती है। छात्र इस मामले में सबसे आगे होते हैं। बिटकॉइन क्या है कैसे खरीदें और बेचे इन छात्रों की जिज्ञासा के समाधान के साथ उनकी अभिरुचि के अनुरुप जानकारी देने के मकसद से राजधानी में छत्तीसगढ़ रीजनल साईंस सेंटर द्वारा आयोजित हैण्ड्स ऑन ट्रेनिंग कम वर्कशॉप का आयोजन किया।
इस कार्यशाला में स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय माना कैम्प के विद्यार्थियों को यह बताया गया कि एयरोप्लेन साईंस किस सिद्धांत पर और कैसे कार्य करता है। इसके पीछे क्या टेक्नोलॉजी है। साथ ही छात्रों ने इसका मॉडल बनाकर उड़ाने का अनुभव भी लिया। इस कार्यशाला का उद्देश्य नवीन खोजों एवं प्रायोगिक क्रियाकलापों को स्वयं सीखने की प्रक्रिया को विकसित करना है।
संस्था के महानिदेशक डॉ. एस. कर्मकार द्वारा संस्था के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस पांच दिवसीय वर्कशॉप के सफलतापूर्वक संपन्न होने की शुभकामनाएं दी। साथ ही अपनी वैज्ञानिक टीम को भविष्य में भी इस तरह के वर्कशॉप के आयोजन हेतु प्रोत्साहित किया।
कार्यशाला प्रभारी परियोजना संचालक डॉ. शिरीश कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान में हम प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के युग में जी रहे हैं। सभी तरफ ऑटोमेशन टेक्नॉलॉजी का प्रसार है। शिक्षण में ऑगमेंटेड रियालिटी और वर्चुअल रियालिटी का इंटरफेस बढ़ बिटकॉइन क्या है कैसे खरीदें और बेचे गया है। ऐसे में संस्था द्वारा आयोजित इस प्रकार के हैण्ड्स ऑन ट्रेनिंग कम वर्कशॉप से बच्चे रोबोटिक्स, ड्रोन एवं एयरो मॉडलिंग से जुड़े विज्ञान के कठिन सिद्धांतों को आसानी से समझ पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एयरो-मॉडलिंग की कार्यशाला में विद्यार्थियों ने कुछ नया बनाना सीखा। साथ ही अपने रचनात्मकता और सृजनात्मकता का भरपूर उपयोग किया। विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया एयरो प्लेन जब उड़ा तो उनकी खुशी देखते बनती थी।
वैज्ञानिक, अमित कुमार मेश्राम ने कहा कि इस पांच दिवसीय एयरो-मॉडलिंग वर्कशॉप में विद्यार्थियों ने उपलब्ध विज्ञान के सिद्धांतों के अनुप्रयोग से भली-भांति परिचित होते हुए वर्तमान में एविएशन के क्षेत्र में करियर के अवसरों को पहचाना। वैज्ञानिक अधिकारी प्रज्ञा कदम ने बताया कि अपने ही बनाए हुए मॉडल को उड़ता हुआ देखना बच्चों के लिए सपने से कम नहीं था।
विषय विशेषज्ञ डॉ. अरुणा राना द्वारा एविएशन के इतिहास में राइट्स ब्रदर्स का योगदान बताने के साथ विमान के उड़ने में उपयोगी वैज्ञानिक सिद्धांत की जानकारी दी।
एलन मस्क ट्विटर CEO के पद से इस्तीफा देने को तैयार, पोल के बाद किया ऐलान
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि जैसे ही उन्हें इस पद के योग्य कोई मिलेगा, उसके बाद वह ट्विटर CEO के पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस्तीफे के बाद वह ट्विटर की सॉफ्टवेयर और सर्वर टीम को संभालेंगे। बता दें कि मस्क ने इस्तीफे के लिए एक पोल का आयोजन किया था।
पोल का क्या नतीजा रहा था?
पोल में मस्क ने पूछा था कि क्या उन्हें ट्विटर CEO के पद से हट जाना चाहिए। इसमें कुल 1.75 करोड़ वोट पड़े, जिसमें 57.5 प्रतिशत वोट पद छोड़ने के पक्ष में रहे, वहीं 42.5 प्रतिशत उनके पद पर बने रहने के पक्ष में रहे।
Bitcoin कैसे खरीदें | बिटकॉइन कहां से खरीदें | Bitcoin खरीदने का तरीका क्या है
Hindionlinesite नवंबर 12, 2021
बिटकॉइन कैसे खरीदें , बिटकॉइन कहां से खरीदें , बिटकॉइन खरीदने का तरीका क्या है आज इस पोस्ट में पढ़ेंगे की बिटकॉइन को कैसे खरीदें और बिटकॉइन को कहां से खरीदें आज हम इस पोस्ट में जानेंगे तो आप इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े आज हम जानेंगे बिटकॉइन के बारे में।
वर्तमान समय में दिन प्रतिदिन बिटकॉइन काफी पॉपुलर हो रहा है एक समय ऐसा था जब बिटकॉइन की कीमत बहुत ही कम थी इसमें कोई इन्वेस्ट करना ही नहीं चाहता था लेकिन आज देशभर में बिटकॉइन को खरीदने के लिए लोगों में कॉन्पिटिशन बढ़ता ही जा रहा है बिटकॉइन को खरीदने के पीछे लोग आज पागल हो रहे।
हम आपको बता दें कि कुछ लोगों को पता ही नहीं है कि बिटकॉइन क्या होता है बिटकॉइन को कैसे खरीदा कैसे जाता है और कैसे बेचा जाता है तो घबराने वाली बात नहीं है आज हम इस आर्टिकल में बताएंगे कि बिटकॉइन क्या होता है।
एक समय ऐसा था जब बिटकॉइन की कीमत और इसकी वैल्यू बहुत कम थी पर आज के समय में बिटकॉइन की रेट बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं और धीरे-धीरे बहुत ही पॉपुलर बन गई हैं हम बिटकॉइन को कैसे खरीद सकते हैं और ऐसी कौन सी जगह से हम इसे खरीद सकते हैं।
• Bitcoin कैसे खरीदें ?
आज हम आपको बता रहे हैं कि Bitcoin कैसे खरीदें, बिटकइन खरीदने के लिए आपको किन किन चीजों की जरूरत पड़ेगी। अगर आप इंडिया में बिटकॉइन buy करना चाहते हो तो आप कोई पास documents होना चाहिए तभी आप Bitcoins को खरीद सकते हैं और भेज सकते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि कौन से डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी।
अगर आप Bitcoin खरीदना चाहते हैं तो आपके पास इन चारों पांचो डाक्यूमेंट्स होना बेहद जरूरी है क्योंकि वहां पर आपको डिटेल डालने के लिए इनकी जरूरत पड़ेगी।
• Bitcoin खरीदने का तरीका जाने ?
बिटकॉइन को खरीदना वह बेचना कोई ज्यादा मुश्किल काम नहीं है, आप कभी भी ऑनलाइन पेमेंट किया होगा किसी भी वेबसाइट या मोबाइल में ऐप की मदद से आप आसानी से बिटकॉइन खरीद सकते हैं और बेच भी सकते हैं।
भारत में बिटकइन खरीदने के लिए आपको किसी वेबसाइट या मोबाइल ऐप की जरूरत पड़ेगी। जानकारी के लिए बता दें, इंडिया में दो बहुत ही पॉपुलर बिटकॉइन कंपनी है जहां से आप बिटकॉइन खरीद सकते हैं और वहां पर भी बेच सकते हैं (zebpay.com) or (unocoin.com) इन दोनों वेबसाइटों से बिटकॉइन खरीदने के लिए आपको नीचे दिए गए तरीका स्टेप बाय स्टेप फॉलो करें आप बिल्कुल बिटकॉइन खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं।
1. इस वेबसाइट में सबसे पहले साइन अप करें।
दोनों कंपनियों में से आपको एक कंपनी में मतलब वेबसाइट में साइन अप कर के रजिस्टर करें और आपको अपने मोबाइल नंबर इंटर करें और अपना अकाउंट बनाएं।
2. आपको अपना डॉक्यूमेंट अपलोड करना होगा।
और यहां पर आपको अपने डॉक्यूमेंट स्कैन करके अपलोड करें इस वेबसाइट में आपसे डॉक्यूमेंट की मांग की जरूरत पड़ेगी जैसे हमने आपको बताया है और इन्हें वहां पर अपलोड करना होगा डॉक्यूमेंट सबमिट होने के बाद 24 घंटे के अंदर आपका अकाउंट एक्टिव हो जाएगा आपको ईमेल मिल जाएगा।
3. बैंक डिटेल्स डाले और पैसा डिपॉजिट करें।
जब इसमें आपका अकाउंट एक्टिव हो जाएगा तो आपको बैंक डिटेल डालना जरूरी है क्योंकि आपको पैसा भी डालना पड़ेगा अपने अकाउंट में जिसके बाद आप बिटकॉइन खरीद पाओगे। आपके पास लगभग पैसा ₹2000 होना चाहिए जिससे आप बिटकॉइन खरीद सके।
4. अब आप अपने पैसों से बिटकॉइन खरीदें।
पैसे डिपाजिट कर लेंगे तो आपको अकाउंट में दिख जाएंगे इसके बाद आप बिटकॉइन कन्वर्ट कर सकते हैं इसलिए आपको बिटकॉइन बाय पर क्लिक करके आप बिटकॉइन खरीद सकते हैं आपका पैसा अपने आप बिटकॉइन में बदल जाएगा इस प्रकार से आप बिटकॉइन खरीद सकते हैं।
• बिटकॉइन कैसे बेचे और कहां भेचना चाहिए ?
जब आप अपने अकाउंट में पैसा के बिटकॉइन बना लेते हो तो जब बिटकॉइन रेट में उछाल मारता है तो उन्हें कैसे बेचे,अब आप बिटकॉइन को बेचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कहीं और जगह जाने की जरूरत नहीं है बस आपने जिस वेबसाइट से बिटकॉइन खरीदा है वही आप उन्हें सेल कर सकते हैं बिल्कुल एक क्लिक में इसके लिए आपको विड्रोल पर क्लिक करके अपने पैसों को डायरेक्ट बैक अकाउंट में भेज सकते हो। और आपके पैसे तीन-चार दिन में डायरेक्ट आपके अकाउंट में आ जाएंगे इस प्रकार से आप बिटकॉइन खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं।
आज के आर्टिकल में हमने बताया है कि बिटकॉइन कहां से खरीदें और कहां बेचे अगर आप हर रोज नई नई जानकारियां हिंदी में पढ़ना चाहते हैं तो आप हिंदी ऑनलाइन साइट को हर रोज पढ़ें क्योंकि हम यहां पर हर रोज नए-नए आर्टिकल पोस्ट करते रहते हैं।
आखिर कब आयेगी CBSE बोर्ड की डेट शीट, जानिए क्या कहते हैं रांची के स्टूडेंट्स
Ranchi : सीबीआई हर दिन नोटिफिकेशन जारी कर रहा है कि जल्द ही 12 वीं और 10 वीं बोर्ड की डेटशीट रिलीज की जायेगी. नोटिफिकेशन आने से छात्र बार- बार साइट पर जाकर चेक कर रहे है. लेकिन छात्रों के हाथ कुछ नहीं लग रहा है. छात्र एक – दूसरे से इसे लेकर चर्चा भी कर रहे है. लेकिन अभी तक सीबीएसई की डेट शीट की कोई डेट कन्फर्म नही हुई हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिसंबर 30 या 31 को 10 वीं और 12 वीं बोर्ड की डेटशीट जारी हो सकती है. डेटशीट जारी होने को लेकर छात्र क्या सोचते है. इसपर lagatar.in की संवाददाता ने कुछ बच्चों से बात की.
जानें क्या कह रहे है स्टूडेंट्स
डेटशीट जल्द से जल्द जारी करने की जरूर -रोहित सिंह
रांची के सेंट जॉन स्कूल में पढ़ने वाले 12 वीं के छात्र रोहित सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि स्टूडेंट तो अपनी तरफ से तैयारी कर ही रहे हैं. पर ऐसे में सीबीएसई बोर्ड को भी डेटशीट जल्द से जल्द जारी करने की जरूर हैं. डेटशीट आ जाने से छात्रों का माइंड मेकअप भी हो जाता है. कि पहले किस विषय का पेपर है. और उस विषय की तैयारी कितनी करनी हैं. रोहित ने कहा कि डेटशीट नहीं आने के कारण स्टडी में फोकस ठीक से नहीं हो पाता है. जहां नीट के लिए 75% एलिजिबिलिटी कर दी गई, यानी की बोर्ड में 75% लाओगे तभी नीट का एग्जाम दे पाओगे. अगर बोर्ड डेटशीट जारी कर देती है तो स्टूडेंट्स अच्छे से तैयारी कर पायेंगे. रोहित ने बताया कि जेईई की डेट शीट आ गई है, लेकिन बोर्ड्स का कुछ खोज खबर नहीं हैं.
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हर दिन डेटशीट अपलोड होने की उड़ रही अफवाह : अंशिका विजय
वहीं रांची की जेवीएम श्यामली स्कूल की स्टूडेंट अंशिका विजय से बताया कि हर साल सीबीएसई बोर्ड एग्जाम के लगभग दो महीने पहले डेट शीट अपडेट कर देता हैं. लेकिन अभी तक डेटशीट नहीं आने के कारण यह पता नहीं चल पाया है कि एक विषय से दूसरे विषय की परीक्षा में कितने दिन का समय रहेगा. सभी विषय को एक साथ पढ़ने में परेशानी भी हो रही है. अंशिका ने बताया कि सबसे दिक्कत वाली बात ये है कि इस बार जेईई और नीट तक ने डेटशीट जारी कर दी हैं. जहा जेईई की पहली अटेम्प्ट जनवरी के आखरी महीने में है, वही दूसरी अटेम्प्ट अप्रैल में होगी. ऐसे में बच्चे किस एग्जाम की पहली तैयारी करे, यह बड़ा विषय है. उन्होंने बताया कि सुबह हल्ला होता है की डेट शीट आ गई, जब चेक करने जाओ तो कुछ अपडेट नहीं रहता. सीबीएसई को जल्द से जल्द इस पर सोचना चाहिए.
45,000 बच्चे तो सिर्फ झारखंड से बारवीं के एग्जाम में बैठ रहे- ओम प्रकाश शर्मा
रांची के एसबीएम स्कूल के स्टूडेंट ओम प्रकाश शर्मा का कहना है कि लगभग 45,000 बच्चे तो सिर्फ झारखंड से बारवीं के एग्जाम में बैठ रहे हैं. ऐसे में पूरे देश के बच्चे अभी इसी बात पर ध्यान दे रहे है कि डेट शीट कब आयेगा. बच्चे तो तैयारी कर ही रहे हैं. लेकिन किस विषय को कैसे पूरा रिवाइज करना है. ये डेट शीट आ जाने के बाद और अच्छे से हो पाता है. उन्होंने बताया कि कोई बच्चा गणित में अच्छा होता है तो कोई हिंदी, या फिर फिजिक्स में. तो डेट शीट आ जाने से बच्चों को तैयारी करने में आसानी होगी.
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