चांदी में निवेश के हैं कई कारण
हर दूसरे दिन सोने और चांदी के भाव नई ऊंचाइयां छू रहे हैं और यही वजह है कि अब रांची में रहने वाले अनूप वोहरा भी सोने-चांदी को अपने निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहते हैं। 35 वर्षीय वोहरा को लगता है कि चांदी में तेजी कुछ और समय के लिए बनी रह सकती है।
हालांकि उद्योग के जानकारों की राय इससे अलग है। आनंद राठी फाइनैंशियल सर्विसेज में कमोडिटीज रिसर्च के प्रमुख किशोर नार्ने कहते हैं, 'सोने में तेजी की कई वजहें हैं। हालांकि चांदी के भाव में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी का कोई कारण नजर नहीं आ रहा है।'
अब तक यही देखा गया है कि चांदी की कीमतें सोने की कीमतों के पीछे-पीछे चलती हैं। हालांकि इस साल के शुरुआत से ही चांदी की चाल कुछ बदली बदली सी नजर आ रही है। इस साल की शुरुआत से जहां चांदी ने 58 फीसदी का प्रतिफल दिया है वहीं सोने ने केवल 7 फीसदी का प्रतिफल दिया है। वहीं अगर बीते एक साल के आंकड़े पर नजर डालें तो पता चलता है कि चांदी से 130 फीसदी से अधिक प्रतिफल हासिल हुआ है जबकि सोने से तकरीबन 30 फीसदी प्रतिफल मिला है। चूंकि चांदी औद्योगिक धातु है इस कारण से इसकी कीमत तांबे की कीमत के मुताबिक ही बढऩी चाहिए। पर पिछले एक साल में तांबा से 23 फीसदी और निकल से 6 फीसदी का प्रतिफल मिला है। नार्ने कहते हैं, 'हम नहीं कह सकते हैं कि चांदी की कीमत उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं, पर इसमें किसी भी समय 25 से 30 फीसदी का करेक्शन देखने को मिल सकता है।'
पश्चिम एशिया में हालात सामान्य होते नजर आ रहे हैं और डॉलर भी मजबूत होता जा रहा है और इस कारण से सोने की कीमतों में भी कभी भी 10 से 15 फीसदी का करेक्शन आ सकता है।
यही कारण है कि वोहरा जैसे नए निवेशकों को मौजूदा स्तर पर इन धातुओं से दूर रहने की सलाह दी जाती है। जब इनकी कीमतों में करेक्शन आएगा तब निवेश की बेहतर संभावनाएं बन सकती हैं। आदित्य बिड़ला मनी में बिजनेस डेवलपमेंट और रिसर्च (कमोडिटीज और करेंसी) के प्रमुख अमर सिंह कहते हैं, 'अक्षय तृतीया के मौके पर मैं चांदी के बजाय सोना खरीदने की सलाह दूंगा।
वित्तीय योजनाकारों की राय भी कुछ ऐसी ही है। पराग पारिख फाइनैंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष जयंत पई कहते हैं, 'निवेशक सोने में थोड़ा-थोड़ा निवेश कर सकते हैं। चांदी में निवेश के सीमित विकल्प हैं। वह सुझाव देते हैं कि जो लोग महंगी धातुओं में निवेश करना चाहते हैं, वे अपने इस निवेश की कुल रकम में से 25 फीसदी रकम सोने में निवेश कर सकते हैं। हालांकि सारा पैसा एक बार में न लगाकर थोड़े-थोड़े टुकड़ों में निवेश किया जा सकता है। चांदी में निवेश के हैं कई कारण पई का सुझाव है कि फिलहाल अपने कुल निवेश पोर्टफोलियो में केवल 5 फीसदी हिस्सा महंगी धातुओं का रखें। हालांकि सामान्य स्थिति में आपके कुल पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी 10 फीसदी हो सकती है।
अगर महंगी धातुओं में निवेश करना चाहते हैं तो विशेषज्ञ गोल्ड फीडर फंडों और नैशनल स्पॉट एक्सचेंज के ई-सीरीज की सलाह देते हैं। इनमें निवेश किफायती होता है और इसके लिए सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (सिप) का विकल्प भी अपनाया जा सकता है। ई-सीरीज के साथ एक समस्या यह है कि इनमें निवेश के लिए अलग से डीमैट खाता होना जरूरी है। गोल्ड फीडर फंडों के लिए डीमैट खाते की जरूरत नहीं होती है।
अगर आपके पास डीमैट खाता नहीं है तो केवल सोना खरीदने के लिए इसे खुलवाने में कोई चतुराई नहीं है और इस कारण से गोल्ड फीडर फंडों में निवेश एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यहां खर्च अनुपात एक मसला हो सकता है जो 1.5 है। यह गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों से अधिक है पर डीमैट रखरखाव के खर्च को शामिल कर दें तो यह अधिक महंगा हो जाता है।
ई-सीरीज के जरिए निवेश भी इतना ही महंगा होता है, मगर सिर्फ पहले महीने में। दूसरे महीने से खर्च कम होने लगता है और केवल ब्रोकरेज शुल्क ही चुकाना पड़ता है। अगर आप भौतिक डिलिवरी चुनें तो यह महंगा विकल्प हो सकता है। यहां आपको 200 रुपये डिलिवरी शुल्क और डिपॉजिटरी के हर ऐसे आवेदन पर 50 रुपये का शुल्क अदा करना पड़ता है।
सोने की कीमत फिलहाल जिस स्तर पर है, अगर आपको तत्काल उपभोग न करना हो तो आप सोने के आभूषण नहीं खरीदना चाहेंगे। अक्षय तृतीया के लिए आभूषण निर्माता पहले से सोने के आभूषण, बार और सिक्कों की बुकिंग कर रहे हैं जो आज की कीमत के हिसाब से होगी। सोने की कीमत जिस दर से बढ़ रही है, उससे तो यही लगता है कि इस शुभ दिन सोने की कीमत आज की कीमत से अधिक ही होगी। ऐसे में आप चाहें तो आज ही अक्षय तृतीया के लिए सोने की बुकिंग करा सकते हैं।
Silver Price 2020: चांदी 56000 के पार, चांदी का भाव 2 साल कहां पहुंचेगा जानिए?
Silver Price 2020: चांदी के भाव में अचानक से चमक आ गई है। अप्रैल से अब तक चांदी के भाव में 33 फीसदी की तेजी आ चुकी है। क्या चांदी के भाव में तेजी का चक्र शुरू हो चुका है। चांदी का भाव (Silver Price) अगले 2 साल (2020 और 2021) में कहां तक जा सकता है आज एक्सपर्ट के जरिए हम आपको बताएंगे।
चांदी का भाव (Silver Price) हाजिर बाजार में 54 हजार रुपए से 56 हजार रुपए प्रति किलो पर चल रहा है। चंडीगढ़ में तो 21 जुलाई को चांदी का भाव 56500 रुपए प्रति किलो हो गया। वहीं MCX पर चांदी का वायदा भाव भी 55 हजार के पार पहुंच चुका है।
ऐसे में बाजार के जानकारों का मानना है कि चांदी के भाव (Silver Rate) में तेजी का दौर शुरू हो चुका है। इसके पीछे कई कारण हैं। 2 साल में चांदी का भाव कितना हो सकता है ये जानने से पहले जान लेते हैं कि चांदी के भाव में तेजी क्यों आ रही है और आगे भी तेजी के क्या कारण हैं।
चांदी कीमती धातु होने के साथ ही एक इंडस्ट्रियल धातु भी है। इसका इंडस्ट्री में कई तरह से उपयोग होता है। आप जो सोलर पैनल देखते हैं उनके फोटो वोल्टिक सेल बनाने में चांदी का उपयोग होता है। इसके अलावा चांदी का उपयोग सेमी कंडक्टर चीप, फार्मा सेक्टर, एलईडी समेत कई जगह होता है। इसकी आधी मांग तो इंडस्ट्री में ही चली जाती है।
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2020 में कोरोना के कारण पूरे विश्व में कई देशों में अलग-अलग जगहों पर लॉकडाउन हुआ। इस कारण से इंडस्ट्री की गतिविधी पर असर पड़ा। अब धीरे-धीरे इसकी मांग बढ़ना शुरू हो गई है। कोरोना के कारण चांदी की माइनिंग गतिविधी भी प्रभावित हुई। इससे इसकी मांग बढ़ी।
अप्रैल से जून 2020 की तिमाही में भारत 2100 टन चांदी का आयात हुआ। इस दौरान सोने का आयात बहुत ही कम मात्रा में हुआ। चांदी की मांग को देखें तो पहली जनवरी 2020 से जून तक चांदी की मांग 10 फीसदी तक बढ़ गई। दूसरी तरफ चांदी के सिक्कों की बिक्री में 60 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।
यही नहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि 2020 की पहली छमाही में चांदी की ईटीएफ में होल्डिंग 5556 टन हो चुकी है। चांदी के ईटीएफ में रिकॉर्ड निवेश हो रहा है। ये सभी चांदी में निवेश के हैं कई कारण कारण चांदी के भाव में तेजी का संकेत दे रहे हैं। तो चांदी के भाव में कितनी तेजी आ सकती है इस पर एक्सपर्ट की राय जानते हैं।
एंजेल ब्रोकिंग में डिप्टी वीपी अनुज गुप्ता 2021 अंत तक चांदी का भाव 75 हजार रुपए प्रति किलो तक जाने का अनुमान है। उनके मुताबिक चांदी में निवेश की मांग बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तरफ इंडस्ट्रियल गतिविधी बढ़ने से भी इसकी मांग बढ़ेगी।
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वहीं पृथ्वी फिनमार्ट में कमोडिटी और करेंसी के डायरेक्टर मनोज जैन के मुताबिक MCX पर चांदी का वायदा भाव 2020 के अंत तक 60 हजार रुपए प्रति किलो तक जा सकता है। जैन ने Gold Price Today News से चर्चा में बताया कि चांदी का भाव 2021 के अंत तक 70 हजार रुपए हो सकता है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग में मेटल, एनर्जी और करेंसी रिसर्च की वाइस प्रेसीडेंट सुगंधा सचदेवा के मुताबिक चांदी का भाव सोने से अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। उन्होंने 2 साल में चांदी का भाव 70 हजार रुपए प्रति किलो जाने का अनुमान लगाया है। उनके मुताबिक गोल्ड सिल्वर रेश्यो पर भी नजर रखनी चाहिए।
केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया चांदी को लेकर बहुत बुलिश हैं। उनके मुताबिक अगले 2 साल में चांदी का भाव 1 लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकता है। उनके मुताबिक इकोनॉमी पटरी पर आने का फायदा चांदी के भाव को मिलेगा। केडिया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर से भी चांदी में तेजी के संकेत मिल रहे हैं। फिर चाहे ईटीएफ होल्डिंग हो या चांदी के सिक्कों की बिक्री।
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मार्च में गोल्ड-सिल्वर रेश्यो 127 था जो अब घटकर 93 रह गया है। इसका अर्थ है एक किलो सोने में आप कितने किलो चांदी खरीद सकते हैं। मतलब आज के भाव में 1 किलो सोने में सिर्फ 93 किलो चांदी खरीदी जा सकती है। ये रेश्यो 2013 में घटकर 31 रह गया था जब चांदी का भाव 70 हजार रुपए प्रति किलो पहुंचा था। तो दोस्तों सोने पर नजर रखते हुए कहीं चांदी को ना भूल जाना क्या पता चांदी ही अच्छा रिटर्न दे जाए।
डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। अगर आप कोई भी निवेश चांदी में निवेश के हैं कई कारण करते हैं तो पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य लें। भाव की हमारी कोई भी जिम्मेदारी नहीं है। गोल्ड प्राइस टूडे से जुड़े लोग निजी तौर पर सोने चांदी की खरीद, बिक्री या ट्रेडिंग नहीं करते हैं। आपको होने वाले किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी गोल्ड प्राइस टूडे की नहीं होगी।
Gold Rate Today: लगातार बढ़ती महंगाई के बावजूद सोना क्यों हो रहा सस्ता? ये है सबसे बड़ा कारण
डीएनए हिंदीः बढ़ती महंगाई और आर्थिक मंदी जैसे हालात हो देखते हुए लोग गोल्ड (Gold) में निवेश को सबसे सही विकल्प मानते हैं. लोगों को मानना है कि सोना ही मुसीबत के समय उन्हें राहत दे सकता है. भारत में सोने में निवेश करने का चलन काफी पुराना है. लगातार बढ़ती महंगाई के बीच भी सोने की कीमतों में आई गिरावट नए संकेत दे रही है. लोगों का रुझान अब सोने में निवेश करने से पीछे हट रहा है. यही कारण है कि एमसीएक्स (MCX) पर सोने का वायदा कारोबार 51 हजार रुपये पर पहुंच गया है. वहीं चांदी के दाम में भी करीब 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. जानकार आगे भी सोने के दाव में स्थिरता बने रहने का अनुमान जता रहे हैं.
क्या सोने में निवेश से हो रहा मोहभंग?
रूस-यूक्रेन युद्ध और कई देशों के बीच चल रहे टकराव से वैश्विक बाजार उधर-पुथल के दौर से गुजर रहा है. वैश्विक बाजार में अस्थिरता बनी हुई है. ऐसी स्थिति में अक्सर सोने के दाम में बढ़ोतरी देखी जाती है. वहीं डॉलर के लगातार मजबूत होने से भारतीय बाजार पर भी इसका सीधा असर पड़ा है. मंगलवार चांदी में निवेश के हैं कई कारण को भारत के प्रमुख शहरों में 10 ग्राम में 22 कैरेट सोना पिछले दिन के 47,600 रुपये के प्रिंट की तुलना में 700 रुपये सस्ता होकर 46,900 रुपये हो गया. वहीं 10 ग्राम में 24 कैरेट सोना सोमवार के मूल्य स्तर 51,930 रुपये के मुकाबले 770 रुपये घटकर 51,160 रुपये रह गया है.
लगातार बढ़ रही महंगाई
दुनिया भर के केंद्रीय बैंक महंगाई पर लगाम लगाने के लिए दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. भारत में सीपीआई मुद्रास्फीति (Inflation) लगातार आठवें महीने के लिए उच्च स्तर पर बनी हुई है. यह 7 फीसदी का आंकड़ा भी पार कर चुकी है. महंगाई के दबाव ने आरबीआई को वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक 190 आधार अंकों की रेपो दर में वृद्धि की है. इससे आम आदमी पर सीधा असर हुआ है. इनकी ईएमआई (EMI) बढ़ गई हैं. फिलहाल रेपो रेट 5.9 फीसदी बना हुआ है.
विदेशों में भी सोने की मांग में गिरावट
भारत ही नहीं विदेश में निवेशक सोने से किनारा कर रहे हैं. अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका जैसे देशों में लगातार बढ़ रही महंगाई के बाद भी सोने में निवेश से लोग दूरी बनाए हुए हैं. जानकारों का कहना है कि ग्रीनबैक के मजबूत होने और प्रमुख केंद्रीय बैंकों की ओर से दरों में बढ़ोतरी से सोने पर लगातार दवाब बढ़ रहा है वहीं यूएस फेड द्वारा दरों में बढ़ोतरी से अमेरिकी डॉलर दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुआ है. मजबूत डॉलर सोने की खरीदारी को और अधिक महंगा बना देता है जिससे निवेश का रूझान और कम हो जाता है.
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जानें, धनतेरस-दिवाली से पहले कितना सस्ता हुआ सोना-चांदी
फेस्टिव सीजन में धनतेरस और दीपावली दो बड़े ऐसे त्योहार हैं जिनके आसपास देश में सोना और चांदी की खूब खरीदारी होती हैं। दरअसल, इसके पीछे इस समय चांदी में निवेश के हैं कई कारण में सोना और चांदी खरीदने की एक खास वजह समझी जाती है। भारत में लोगों की मान्यता है कि ‘धनतेरस’ और ‘दीपावली’ के आसपास सोना और चांदी खरीदने से घर में बरकत आती है और धनत्रयोदशी के दिन यदि सोना खरीद कर उसकी पूजा कर उसे धारण किया जाए तो वह सौभाग्यता और धन का प्रतीक बन जाता है। इसलिए इसे एक खास मुहूर्त से जोड़कर भी देखा जाता है और माना जाता है कि इस मुहूर्त में सोना खरीदने से वह शुभ मुहूर्त जीवन में आपके साथ-साथ चलता रहता है।
भारतीय सर्राफा बाजार में हलचल तेज
यही कारण है कि धनतेरस और दीपावली का त्योहार जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे भारतीय सर्राफा बाजार में भी हलचल तेज होती जा रही है। ग्राहकों के लिए अच्छी बात यह है कि त्योहारी सीजन होने के बावजूद सप्ताह के पहले दिन यानि सोमवार को सोने और चांदी दोनों धातुओं की कीमत में कमजोरी का रुख नजर आया। यानि बाजार में सोना और चांदी सस्ता हो गया है। ऐसे में ग्राहक भी इसकी खूब खरीदारी कर रहे हैं। मार्केट एक्सपर्ट बताते हैं कि इस सप्ताह सर्राफा बाजार में आखिरी 2 दिन के दौरान तेजी का रुझान दिवाली तक जारी रह सकता है।
मार्केट में सोना-चांदी की कीमत
बीते सोमवार सोने की अलग-अलग श्रेणियों में 123 रुपए प्रति 10 ग्राम से लेकर 72 रुपए प्रति 10 ग्राम की कमजोरी दर्ज की गई। इसी तरह बाजार में त्योहारी मांग बढ़ने के बावजूद चांदी के कारोबार में प्रति किलोग्राम 590 रुपए गिर गया। वहीं मंगलवार को इनके दाम में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक घरेलू सर्राफा बाजार में कारोबारी यानी 24 कैरेट (999) सोने की औसत कीमत 91 रुपए की कमजोरी के साथ गिरकर 50,339 रुपए प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) हो गई। इसी तरह 23 कैरेट (995) सोने की कीमत भी 91 रुपए की सुस्ती के साथ 50,137 रुपए प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) हो गई। जबकि जेवराती यानी 22 कैरेट (916) सोने की कीमत में 83 रुपए प्रति 10 ग्राम की कमजोरी दर्ज की गई। इसके साथ ही 22 कैरेट सोना 46,111 रुपए प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा 18 कैरेट (750) सोने की कीमत में प्रति 10 ग्राम 69 रुपए की कमजोरी दर्ज की गई। इस गिरावट के साथ 18 कैरेट सोना 37,754 रुपए प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गया जबकि 14 कैरेट (585) सोना 54 रुपए टूट कर 29,448 रुपए प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गया। जबकि चांदी (999) में 462 रुपए प्रति किलोग्राम की गिरावट दर्ज की गई, जिसके कारण ये चमकीली धातु फिसल कर 56,105 रुपए प्रति किलोग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गई।
निवेशकों के लिए एक्सपर्ट्स की सलाह
भारतीय सर्राफा बाजार में जारी उथल-पुथल की वजह से बड़े निवेशक बाजार से दूरी बनाए हुए हैं। इस समय में बाजार में होने वाली ज्यादातर खरीदारी व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा ही की जा रही है। कारोबारी निवेशक फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में लगातार हो रहे उतार चढ़ाव पर नजर रख रहे हैं। यही कारण है कि वे अभी खुलकर कारोबार करने से बच रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि दीपावली के बाद सर्राफा बाजार को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय बाजार के दबाव में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में त्योहारी खरीदारी करने के अलावा छोटे निवेशकों को फिलहाल निवेश योजनाओं को कुछ समय के लिए टाल देना ही ज्यादा बेहतर है।
हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें
ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए ISO ने कहा है कि सोना खरीदने से पहले हॉलमार्क जरूर चेक करें। हालांकि, कई छोटी जगह अभी भी ज्वैलर्स बिना हॉलमार्क वाले गहने बेच रहे हैं। हॉलमार्क के जरिए आप असली और नकली सोने के बीच का फर्क कर पाते हैं। इसलिए सिर्फ हॉलमार्क वाले ही गहने खरीदें। हॉलमार्क वाले गहने अगर 18 कैरेट सोने से बने हैं तो उसपर 750 लिखा रहेगा, 21 कैरेट पर 875, 23 कैरेट पर 958 और 24 कैरेट सोने के पर 999 लिखा रहता है।
Gold Price Today: जानें सोने-चांदी के ताजा भाव, आपके शहर में इन दामों में बिकेंगे चांदी में निवेश के हैं कई कारण यह कीमती धातु
Gold Silver Price, 12th April 2021: कोरोना काल में कमोडिटी बाजार में भी अनिश्चितताओं के बादल छाए हुए हैं, जिसके कारण निवेशक सोने में निवेश को लेकर उत्सुकता जता रहे हैं.
Gold Prices Today : सोने के दामों में बढ़ोतरी
खास बातें
- सोने के दामों में मामूली बढ़ोतरी
- आज भी नहीं बदले चांदी के दाम
- कोविड के चलते धातु में निवेश कर रहे हैं लोग
Gold Silver Price, 12th April 2021: कोरोना काल में कमोडिटी बाजार में भी अनिश्चितताओं के बादल छाए हुए हैं, जिसके कारण निवेशक सोने में निवेश को लेकर उत्सुकता जता रहे हैं. लिहाजा इसके दामों में उछाल देखने को मिल रहा है. हालांकि यह उछाल मामूली है लेकिन सोने के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. गुड रिटर्न वेबसाइट के अनुसार आज 12 अप्रैल को सोने के दाम एक रुपये प्रति ग्राम बढ़ गए. जिसके बाद 22 कैरेट सोने का भाव 45 हजार 670 रुपये प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट का भाव 49 हजार 820 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है.
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हालांकि, यह बता दें कि बेशकीमती धातु सोना अब भी अपने रिकॉर्डस्तर से 9 रुपए सस्ता चल रहा है. अगस्त, 2020 में सोने की कीमत 56,200 रुपए प्रति 10 ग्राम थी, जो तबसे अब तक का रिकॉर्ड हाई है. लेकिन अगले कुछ महीनों में सोने के दामों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है.चांदी में निवेश के हैं कई कारण
आपके शहर में सोने का भाव
दिल्ली में 22 कैरेट के सोने की कीमत 45,670 और 24 कैरेट सोने की कीमत 49,820 चल रही है. मुंबई में 22 कैरेट सोना 44,720 और 24 कैरेट सोना 45,720 पर चल रहा है. कोलकाता में 22 कैरेट सोना 45,870 रुपए है, वहीं 24 कैरेट सोना 48,570 रुपए हैं. चेन्नई में सोने चांदी में निवेश के हैं कई कारण के दामों में गिरावट देखने को मिली है. यहां 22 कैरेट सोने की कीमत 43,740 और 24 कैरेट 47,720 रुपए पर है. ये कीमतें प्रति 10 ग्राम सोने पर हैं.
चांदी के दाम
सोने के विपरित चांदी के दामों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रही है. चांदी के दाम 66 हजार 900 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर बना हुआ है. अगर अलग-अलग शहरों में चांदी की बात करें तो दिल्ली में चांदी 66,900 रुपए प्रति किलो बिक रही है. मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में भी चांदी की कीमत यही बनी हुई है.
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