अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो निवेश को लेकर स्पष्टता होनी चाहिए. पहले आपको तय करना होगा कि निवेश का मकसद क्या है, कितने समय के लिए और कितना निवेश करना है. इन सवालों पर अच्छी तरह से सोच विचार कर लेना चाहिए. खासकर आपको कितने समय के लिए निवेश करना क्या आपको निवेश करना चाहिए? है यह सवाल अहम है. क्योंकि अलग-अलग अवधि के निवेश के लिए म्यूचुअल फंड अलग-अलग होते हैं. छोटी अवधि के निवेश के लिए डेट फंड या लिक्विड फंड चुन सकते हैं. लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड अन्य की अपेक्षा सबसे बेहतर रहेंगे.
Mutual Funds में निवेश करने का सही तरीका क्या है? उदाहरण के साथ सीखें
नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन है। क्या आपको निवेश करना चाहिए? हालांकि, अगर कोई लंबे समय तक इसमें निवेश करता है तो जोखिम कारक कम हो जाता है जबकि म्यूचुअल फंड रिटर्न अधिकतम हो जाता है। अब इसमें निवेश कैसे करें? पहले तो आपको यह जानना चाहिए कि म्यूचुअल फंड काम कैसे करता है। बता दें कि म्यूचुअल फंड का मुख्य कार्य स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश प्रदान करना है। अच्छे रिटर्न के लिए इन निवेशों को एक साथ लाया जाता है।
अब निवेश कैसे करें? इसपर ध्यान देते हैं। मान लीजिए आपकी उम्र 36 साल है क्या आपको निवेश करना चाहिए? और एसआईपी में नए हो और आप प्रति माह 10,000 रुपये निवेश करने की योजना बना रहा है तो आपको कैसे निवेश करना चाहिए?
चूंकि आप म्यूचुअल फंड में निवेश की मूल बातें नहीं जानते हैं, इसलिए आपको म्यूचुअल फंड सलाहकार की मदद लेनी चाहिए। आप संदर्भ के लिए अपने मित्रों और सहकर्मियों से पूछ सकते हैं। नए निवेशकों को मार्गदर्शन और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। केवल आपके निकट एक म्यूचुअल फंड सलाहकार ही आपको सही दिशा दिखाने में सक्षम होगा।
अगर आप म्यूचुअल फंड में करते हैं निवेश, तो जान लें ये 5 अहम बातें
Mutual Fund अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो ये जानकारी आपके लिए बहुत ही आवश्यक हैं, नहीं तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. बता दें कि कोरोना काल के बाद म्यूचुअल फंड में निवेश करने को लेकर लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है. आमतौर पर देखा जाए तो SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. शेयर बाजार के अलावा म्यूचुअल फंड के जरिए गोल्ड और कमोडिटी में भी पैसे लगाए जा सकते हैं. अगर आप अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो सबसे बड़ा सवाल सही म्युचुअल फंड चुनने का है. शेयर बाजार (Share Market) में कंपनियों की हजारों म्यूचुअल फंड स्कीमें मौजूद होने के कारण काम और भी मुश्किल हो गया है, इसलिए निवेश करने से पहले इन बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी हो गया है.
फंड हाउस और मैनेजर का रिकॉर्ड
अगर आपने निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड का चुनाव कर लिया तो इस स्कीम को लाने वाली कंपनी का रिकॉर्ड गहनता के साथ जरूर देखें. इसके साथ ही कंपनी के मैनेजर का रिकॉर्ड चेक करना भी जरूरी होता है. विशेष रूप से आपको इन बातों के लिए बारे में पता करना है कि फंड हाउस कितने समय से काम कर रहा है, उसकी दूसरी स्कीमों का परफॉर्मेंस कैसा रहा है, कंपनी की साख बाजार में कैसी है. किसी भी म्यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर ये जानकारियां मिल जाती हैं. ऐसी भी कई वेबसाइट हैं, जहां किसी भी फंड के परफॉर्मेंस, रेटिंग, पोर्टफोलियो की जानकारी मिल जाती है.
अगर किसी फंड ने अब तक अच्छा परफॉर्म किया है तो आगे भी उसका प्रदर्शन अच्छा ही रहेगा, यह बिल्कुल जरूरी नहीं. सही फंड का चुनाव करते वक्त अलग-अलग फंड्स के पिछले प्रदर्शन का अध्ययन करें, इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किसमें निरंतरता है. इससे आपको अपनी पसंदीदा स्कीम और म्युचुअल फंड चुनने में मदद मिलेगी. फंड चुनते वक्त आप अलग-अलग रेटिंग एजेंसियों द्वारा इन फंड्स को दी गई रेटिंग भी जरूर देखें.
खर्चों के बारे में भी करें पता
म्यूचुअल फंड का चुनाव करते वक्त आपको इसमें निवेश जुड़े खर्चों के बारे में पता होना चाहिए. एंट्री और एक्जिट लोड, एसेट मैनेजमेंट चार्ज, एक्सपेंस रेश्यो. एसेट मैनेजमेंट चार्ज और एक्सपेंस रेश्यो जैसे खर्चों को जरूर देखना चाहिए. ये सारे खर्च आपके फायदे को कम कर देते हैं. किसी म्यूचुअल फंड के लिए 1.5 फीसदी तक का एक्सपेंस रेश्यो सही माना जाता है. किसी फंड का एक्सपेंस रेश्यो इससे ज्यादा है तो उसमें निवेश से बचें.
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क्या आपको निवेश करना चाहिए?
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LIC IPO : देश के सबसे बड़े आईपीओ में क्या आपको निवेश क्या आपको निवेश करना चाहिए? करना चाहिए या नहीं?
कोविड-19 (Covid-19) महामारी के प्रकोप से खाली हो चुके सार्वजनिक खजाने को फिर से भरने के लिए भारत में अब तक की सबसे बड़ी आईपीओ क्या आपको निवेश करना चाहिए? लिस्टिंग (IPO listings) में से एक पर विचार किया जा रहा है.
सरकार द्वारा संचालित भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने 13 फरवरी को पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) को अपना एक मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस प्रस्तुत किया. एलआईसी में सरकार की 100 फीसदी की हिस्सेदारी है. वहीं सेबी में की गई फाइलिंग के अनुसार सरकार कंपनी (LIC) के 31.62 करोड़ इक्विटी शेयर या आईपीओ में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश कर रही है.
लेकिन पहले जानिए आखिर सरकार को LIC IPO से मदद कैसे मिलेगी?
COVID-19 के प्रकोप के परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था को एक बड़ा झटका लगा है. ऐसे दौर में इससे सरकार के लिए लाभ स्पष्ट हैं.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स (NISM) में सहायक प्रोफेसर और लेखिका मोनिका हलन ने क्विंट को बताया कि "सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और कोविड महामारी की वजह से बढ़े हुए अन्य खर्चाें के लिए विनिवेश (disinvestment) की आय की आवश्यकता है."
"भारतीय शेयर बाजार को विस्तार और गहराई प्रदान करने के लिए इस IPO की जरूरत है. भारत की समस्या यह है कि यहां बड़ी फर्म बहुत कम हैं और इसके परिणामस्वरूप घरेलू और विदेशी दोनों तरह के निवेश के प्रवाह को अवशोषित करने के लिए बहुत कम स्टॉक हैं."
क्योंकि यह पूरी तरह से एक बिक्री की पेशकश है, ऐसे में सभी आय सीधे सरकार के पास जाएगी, जिसने इस साल के केंद्रीय बजट में 78,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य निर्धारित किया है. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के माध्यम से कार्य करते हुए भारत के राष्ट्रपति इस बिक्री के प्रमोटर हैं.
चर्चा क्या है : क्या आपको क्या आपको निवेश करना चाहिए? निवेश करना चाहिए या नहीं?
1956 में अपनी स्थापना के बाद से ही LIC मध्यमवर्गीय परिवारों के बीच एक घरेलू नाम बन गया है. अपेक्षा के अनुसार इसके आईपीओ की चर्चा काफी ज्यादा है. लेकिन वरिष्ठ पत्रकार माधवन नारायणन ने चेताते हुए कहा कि "क्या आपको निवेश करना चाहिए? बाजार की चहल-पहल के साथ नीति की चर्चा को भ्रमित न करें."
1990 के दशक के अंत तक, जब इस क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया गया था, तो बाजार पर इस दिग्गज का पूरी तरह से दबदबा था. हालांकि 2020 में इसकी बाजार हिस्सेदारी घटकर 64.1 प्रतिशत हो गई, फिर भी यह देश का सबसे बड़ा जीवन बीमाकर्ता है, जिसके पास बीमा बाजार हिस्सेदारी का दो-तिहाई हिस्सा है.
हलान कहती हैं कि "एलआईसी का आईपीओ कई मायनों में सही है. एक ऐसी कंपनी जो भारत में जीवन बीमा का पर्याय बन गयी है उसके शेयर्स के साथ बुल मार्केट में आने वाला सबसे बड़ा आईपीओ है और इसमें पॉलसीधारकों के लिए डिस्काउंट भी है."
गजब का म्यूचुअल फंड: ₹10,000 के मंथली SIP को 3 साल में ₹11.27 लाख बना दिया, आप निवेश करना चाहेंगे?
Mutual fund calculator: स्मॉल-कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना जोखिम भरा है लेकिन यह बुल मार्केट में सबसे ज्यादा रिटर्न देता है। एक स्मॉल-कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड (small-cap equity mutual fund), क्वांट स्मॉल कैप फंड (Quant Small Cap Fund) इसका एक ताजा उदाहरण है। इस इक्विटी फंड ने लगभग 35 प्रतिशत प्रति सालाना रिटर्न दिया है और इसके बेंचमार्क यानी एसएंडपी बीएसई 250 स्मॉलकैप टीआरआई ने पिछले 3 वर्षों में लगभग 28.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष का CAGR रिटर्न दिया है। क्वांट स्मॉल कैप फंड ने न केवल अपने सभी पीयर क्या आपको निवेश करना चाहिए? फंडों को बल्कि 3 साल की समय सीमा में कैटेगरी एवरेज और बेंचमार्क को भी पीछे छोड़ दिया है और इस समयावधि में प्रति 54 प्रतिशत सालाना रिटर्न दिया है।
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