Cryptocurrency: अमेरिका में बढ़ती महंगाई और रिटेल इंफ्लेशन की रिपोर्ट के बाद क्रिप्टोकरेंसी में तेज गिरावट देखने को मिली. गुरुवार को सुबह शुरुआती कारोबार में क्रिप्टो 4-6 फीसदी नीचे रहा.
Bitcoins क्या है हिंदी
दोस्तो क्रिप्टो करेंसी यानी Bitcoin को समझने के लिए हमें कुछ समय पीछे जाना पड़ेगा । पुराने समय के लोग अगर किसी भी वस्तु को खरीदना है तो उसका मूल्य चुकाने के लिए पैसे नहीं देते थे बल्कि जो उनके पास उपलब्ध है उसे देकर उनकी आवश्यकता है कि वस्तु खरीद लेते थे जिसे हम वस्तु विनिमय प्रणाली कहते हैं।धीरे-धीरे बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क समय बदलता गया और वस्तु के आदान-प्रदान की जगह हम धातु के रूप में सोना चांदी लोहा आदि प्रदान कर देते थे परंतु इसमें बहुत-सी समस्या आने लगी जैसे सोना ले जाना मुश्किल तथा खतरे से भरा था और लोहा पदार्थ ले जाना भारी रहता था। धीरे-धीरे समय बदलता गया और सरकार ने कागजी मुद्रा चलाना प्रारंभ कर दिया। तथा सरकार को यह अधिकार भी मिल गया कि वह अपने हिसाब से मुद्रा छाप सकती है परंतु इसके भी सरकार के पास अधिकार है कि वह केवल देश की आवश्यकता के अनुसार मुद्रा छापे। धीरे-धीरे बैंक्स मोबाइल एप्स जैसे पेटीएम यूपीआई आईडी गूगल पर, आदि एप्स ने जगह ले ली।
क्या बिटकॉइन्स में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए
दोस्तों बिटकॉइन में इन्वेस्ट करना थोड़ा रिस्की है पर बिटकॉइन कि अगर आप एक अच्छे समझ रखते हैं इसके पीछे की टेक्नोलॉजी को अब जानते हैं एवं ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एवं बिटकॉइन माइनिंग में विश्वास रखते हैं तो आपको बिटकॉइन में थोड़े बहुत पैसे इन्वेस्ट करने चाहिए अगर आप यह सोच रहे हैं कि आप अपने सारे पैसे बिटकॉइन में लगा दे और अच्छा रिटर्न मिल जाए तो आपको ऐसा नहीं करना है ऐसे में आप को भारी नुकसान भी हो सकता है , Because बिटकॉइन्स पर किसी भी देश की सरकार का कोई अधिकार नहीं है । ओके बिटकॉइन्स के खुद के अपने अधिकार है और एक खास बात और अगर कोई व्यक्ति बिटकॉइन्स में इन्वेस्टमेंट करता है तो वह अपने मन मुताबिक अपने पैसे का इस्तेमाल कर सकता है। बिटकॉइन्स में इन्वेस्टमेंट करना वर्तमान में खतरा साबित हो सकता है।
दोस्तों मुझे आशाा है कि आप जिस जानकारी के लिए आए थे ।आपको वह जानकारी स्पष्ट रूप से मिल चुकी होगी। आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो कमेंट करके बताएं तथा इस जानकारी को अपने मित्रों के साथ भी शेयर करें बनेे रहिए Hindi pages के साथ धन्यवाद!
बिना खरीदे बनिए बिटकॉइन इन्वेस्टर, जानें क्या होती है माइनिंग और किन चीजों की पड़ती है बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क जरूरत
Image Credit- Wir Pixs From Pixabay
क्रिप्टो करेंसी
यह एक आभासी (imaginary) दुनिया है यह एक वित्तीय लेनदेन बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क का जरिया है।बिल्कुल भारतीय उपयोग व अमेरिकी डॉलर या अन्य करेंसी के जैसी ही करेंसी है फर्क सिर्फ इतना सा है कि; बाकी करेंसी को हम छू और देख सकते हैं, परंतु इसे हम छू और देख नहीं सकते। यह एक आभासी मुद्रा है; जिसे डिजिटल करंसी भी कहा जाता है । इससे जुड़ा पूरा कारोबार डिजिटल तरीके से होता है । अब हम बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क इससे जुड़ी बाकी बातों पर भी नजर डाल लेते हैं ।
क्रिप्टोकरंसी 2021 से दुनियाभर में काफी गर्म मुद्दा बनी हुई है । दुनिया भर में लोग इसे पसंद कर रहे हैं और खरीद वा इससे जुड़ रहे हैं। इसमें निवेशकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है । परंतु दुनिया की बड़ी संख्या इसमें निवेश करने से घबरा भी रही है । इसमें प्रतिपल उतार-चढ़ाव होता रहता है; जो पल में किसी को बहुत अमीर और किसी को बहुत गरीब बना सकता है । इसी कारण इसकी लोकप्रियता में इजाफा होता जा रहा है । वर्तमान समय में यह सबसे लोकप्रिय और मूल्यवान करेंसी है ।लेकिन आप इसे बिना खरीदे भी बिटकॉइन इन्वेस्टर बन सकते हैं । बिटकॉइन माइनिंग के जरिए जी हां;आप बिटकॉइन माइनिंग के जरिए बिटकॉइन खरीदे बिना मालिक बन सकते हैं।
पहले हम बिटकॉइन माइनिंग और ब्लॉकचेन के बारे में जान लेते हैं
बिटकॉइन माइनिंग
बिटकॉइन माइनिंग का मतलब है । puzzle को सॉल्व करके बिटकॉइन बनाना। जैसे हम अगर किसी को पैसे भेजते हैं डिजिटल तरीके से तो वे सीधे पैसे लेने वाले बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क के पास नहीं पहुंचते वह पहले बैंक के पास जाते हैं। जब बैंक उसे वैलिडेट कर आगे भेजती है, तब पैसे, पैसे लेनेवाले के पास पहुंचते हैं।उसी तरह बिटकॉइन में होता है कॉइन भेजने वाले और कॉइन लेने वाले के बीच में बैंक के बजाय कंप्यूटर होते हैं ।जो लोग कंप्यूटर चलाते हैं वही कॉइन मैनेज करते हैं। उनकी मेहनत के बदले में उन्हें एक बिटकॉइन मिलता है यही बिटकॉइन माइनिंग कहलाती है।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क बिटकॉइन भेजता है ।तो उसे कंप्यूटर के जरिए वैलिडेट किया जाता है और जो लोग कंप्यूटर बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क के जरिए यह करते हैं । वह इसका डाटा पूरा एक ब्लॉक में स्टोर या जमा कर लेते हैं । यह एक ब्लॉक 1 एमबी का होता है । जब एक ब्लॉक पूरा भर जाता है; तो उसे ब्लॉक कर ,दूसरा ब्लॉक बनाया जाता है। और जब दूसरा ब्लॉक भी भर जाता है, तो उसे पहले वाले ब्लॉक से जोड़ दिया जाता है । इसी तरह धीरे-धीरे यह एक चैन बन जाती है और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कहलाती है ।
बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क
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RBI की डिजिटल करेंसी के आएंगे दो वर्जन, जानें होलसेल और रिटेल के बीच क्या होगा फर्क
बिज़नस न्यूज़ डेस्क-भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क डिजिटल मुद्रा लाएगा। इस सिलसिले में अब एक नई खबर सामने आ रही है. CNBC-TV18 के अनुसार, वित्त मंत्रालय और RBI भारत के केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा के दो संस्करण लाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दो वर्जन, रिटेल डिजिटल रुपया और होलसेल डिजिटल रुपया लॉन्च करने की योजना है। वर्तमान प्रस्ताव में, एक संस्करण को वित्त वर्ष बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क 2023 तक और दूसरे संस्करण को प्रतिक्रिया देखने के बाद लॉन्च करने की योजना है। थोक डिजिटल रुपये का उद्देश्य बैंकों जैसे संस्थानों में लेनदेन करना है। वहीं, आम जनता द्वारा मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से खुदरा डिजिटल मुद्रा का उपयोग किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक लॉन्चिंग से पहले और कब आरबीआई तय करेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश बजट में घोषणा की कि केंद्रीय बैंक आरबीआई वित्तीय वर्ष 2023 में अपनी केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा लॉन्च करेगा।
Bitcoins क्या है हिंदी
दोस्तो क्रिप्टो करेंसी यानी Bitcoin को समझने के लिए हमें कुछ समय पीछे जाना पड़ेगा । पुराने समय के लोग अगर किसी भी वस्तु को खरीदना है तो उसका मूल्य चुकाने के लिए पैसे नहीं देते थे बल्कि जो उनके पास उपलब्ध है उसे देकर उनकी आवश्यकता है कि वस्तु खरीद लेते थे जिसे हम वस्तु विनिमय प्रणाली कहते हैं।धीरे-धीरे समय बदलता गया और वस्तु के आदान-प्रदान की जगह हम धातु के रूप में सोना चांदी लोहा आदि प्रदान कर देते थे परंतु इसमें बहुत-सी समस्या आने लगी जैसे सोना ले जाना मुश्किल तथा खतरे से भरा था और लोहा पदार्थ ले जाना भारी रहता था। धीरे-धीरे समय बदलता गया और सरकार ने कागजी मुद्रा चलाना प्रारंभ कर दिया। तथा सरकार को यह अधिकार भी मिल गया कि वह अपने हिसाब से मुद्रा छाप सकती है परंतु इसके भी सरकार के पास अधिकार है कि वह केवल देश की आवश्यकता के अनुसार मुद्रा छापे। धीरे-धीरे बैंक्स मोबाइल एप्स जैसे पेटीएम यूपीआई आईडी गूगल पर, आदि एप्स ने जगह ले ली।
क्या बिटकॉइन्स में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए
दोस्तों बिटकॉइन में इन्वेस्ट करना थोड़ा रिस्की है पर बिटकॉइन कि अगर आप एक अच्छे समझ रखते हैं इसके पीछे की टेक्नोलॉजी को अब जानते हैं एवं ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एवं बिटकॉइन माइनिंग में विश्वास रखते हैं तो आपको बिटकॉइन में थोड़े बहुत पैसे इन्वेस्ट करने चाहिए अगर आप यह सोच रहे हैं कि आप अपने सारे पैसे बिटकॉइन में लगा दे और अच्छा रिटर्न मिल जाए तो आपको ऐसा नहीं बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क करना है ऐसे में आप को भारी नुकसान भी हो सकता है , Because बिटकॉइन्स पर किसी भी देश की सरकार का कोई अधिकार नहीं है । ओके बिटकॉइन्स के खुद के अपने अधिकार है और एक खास बात और अगर कोई व्यक्ति बिटकॉइन्स में इन्वेस्टमेंट करता है तो वह अपने मन मुताबिक अपने पैसे का इस्तेमाल कर सकता है। बिटकॉइन्स में इन्वेस्टमेंट करना वर्तमान में खतरा साबित हो सकता है।
दोस्तों मुझे आशाा है कि आप जिस जानकारी के लिए आए थे ।आपको वह जानकारी स्पष्ट रूप से मिल चुकी होगी। आपको यह जानकारी अच्छी लगी है तो कमेंट करके बताएं तथा इस जानकारी को अपने मित्रों के साथ भी शेयर करें बनेे रहिए Hindi pages के साथ धन्यवाद!
क्रिप्टो में आई 4 फीसदी की गिरावट
गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी में 4 से 6 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली. BITCOIN 3.5 फीसदी की गिरावट पर ट्रेड कर रहा था और ETHEREUM भी 3.13 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. टेक कंपनियों ने वॉल स्ट्रीट पर शेयरों की गिरावट का नेतृत्व किया. वहीं सोना भी 1.5 फीसदी की गिराट पर था.
सुबह 10 बजे के करीब Dow Jones Industrial Average 287 अंक या 1 फीसदी तक गिरकर 28,923 पर आ गई. वहीं नैस्डैक (Nasdaq) कंपोजिट 2.2% कम था. गुरुवार सुबह ट्रेडिंग की शुरुआत में तीनों इंडेक्स नीचे थे, जिसमें एसएंडपी 500 2.4% और डॉव 549 अंक नीचे था. चार दशकों में सबसे बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क खराब मुद्रास्फीति की चिंता और फेडरल रिजर्व के कठोर उपायों के बीच स्टॉक्स में इस उनके वैल्यू के एक चौथाई की गिरावट आ चुकी है.
फेड के इन उपायों ने न केवल कर्ज को अधिक महंगा और विकास दरों की धीमा किया है, बल्कि ये स्टॉक, क्रिप्टोकरेंसी और लगभग हर दूसरे निवेश की कीमतों को भी गिराते है, क्योंकि उनका मतलब है कि बॉन्ड ब्याज में अधिक भुगतान कर रहे हैं, जो डॉलर को अन्य निवेश से दूर खींचता है.
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