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Trade Spotlight: कल के कारोबार में इन शेयरों कराई खूब कमाई, जानिए क्या आगे भी कायम रहेगा इनका जादू

Home First Finance में भी कल करीब 5 फीसदी की तेजी देखने को मिली थी और ये डेली चार्ट पर औसत से ज्यादा वॉल्यूम के साथ बुलिश कैंडल बनाता दिखा था

Hitachi Energy India भी 3 फीसदी की बढ़त के साथ 3537 रुपए के दिन के हाई पर बंद हुआ था। इस स्टॉक ने कल डेली चार्ट पर औसत से ज्यादा वॉल्यूम के साथ बुलिश कैंडल बनाया था

22 अगस्त को बाजार पर लगातार दूसरे दिन मंदड़ियों की पकड़ देखने को मिली। कारोबार के अंत में कल सेंसेक्स-निफ्टी करीब 1.5 फीसदी टूटकर बंद हुए थे। बता दें कि 19 अगस्त यानी इसके पिछले कारोबारी दिन भी निफ्टी करीब 1 फीसदी टूटा था। चौतरफा एक औसत स्टॉप लॉस क्या है? बिकवाली के चलते निफ्टी कल 17500 के नीचे बंद हुआ। महंगाई पर नकेल कसने के लिए यूएस फेड की तरफ से अगली पॉलिसी मीट में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी हो सकने की संभावना के चलते बाजार का सेंटीमेंट खराब हुआ।

सेंसेक्स कल 872 अंक यानी 1.5 फीसदी गिरकर 58774 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी 268 अंक यानी 1.5 फीसदी टूटकर 17491 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी ने पिछले कारोबारी दिन के बियरिश इंगल्फिंग पैटर्न के बाद डेली चार्ट पर कल एक बियरिश कैंडलिस्टिक पैटर्न बनाया था।

22 अगस्त के कारोबार में दिग्गजों की तरह छोटे मझोले शेयरों में भी कमजोरी देखने को मिली थी। निफ्टी मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों इंडेक्स 1 फीसदी और 1.6 फीसदी की कमजोरी के साथ बंद हुए थे। वोलैटिलिटी इंडेक्स India VIX भी 4.11 फीसदी की बढ़त के साथ 19.04 के स्तर पर पहुंच गया था जो आगे बाजार में तेज उठापटक कायम रहने का संकेत है।

what is stop loss in share market ? शेयर बाजार में स्टॉप लॉस क्या है


share market me stop loss kya hota hai

अपने मूवी में सुना होगा रिस्क है तो इश्क है लेकिन रिस्क लेने की कैपेसिटी हर आदमी की अपनी अपनी होती है ।आपकी रिस्क लेने की कैपेसिटी कितनी है लेकिन रिस्क कितना लिया जाए शेयर मार्केट में इसकी कोई लिमिट नहीं है आप कभी हीरो कभी जीरो होते हैं ।और अधिकतर देखा गया है जब ट्रेडिंग में लोग अपने पैसे को जीरो जरूर कर लेते हैं यहां पर आपकी रिस्क को कम करने के लिए स्टॉप लॉस का यूज किया जाता है।

जब आप का खरीदा हुआ स्टॉक प्राइस गिरता है तो उसको कब तक गिरने देना है कहां पर स्टॉप करना है यह स्टॉप लॉस के जरिए किया जा सकता है ।चलिए हम जानते हैं कि स्टॉपलॉस क्या होता है।

What is stop loss ?| स्टॉप लॉस क्या होता है ?

शेयर मार्केट में आपके रिस्क को कम करने की एक डिजिटल विधि है stop loss एक आर्डर की तरह काम करता है जिसे आप अपनी ब्रोकर के ऐप में या ऑनलाइन डिजिटल के रूप में लगाते हैं उदाहरण के लिए मान लीजिए आपने रिलायंस का कोई शेयर ₹2600 के भाव पर खरीदा है लेकिन आपको लग रहा है कि यह नीचे भी आ सकता है आप अपने इस डर को कम करने के लिए स्टॉपलॉस का यूज कर सकते हैं।

मान लीजिए आप इस शेयर पर ₹200 तक का नुकसान सहन कर सकते हैं उससे ज्यादा नुकसान आप नहीं उठाना चाहते इस स्थिति में आप दो काम कर सकते हैं या तो आप रेगुलर ली स्टॉक को देखते रहिए जैसे ही वह गिरता है तो आप सेल कर सकते हैं या फिर आप पहले से ही एक स्टॉपलॉस लगा सकते हैं जो ₹2400 के भाव पर लगेगा जिसमें आपको रेगुलर देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी जैसे ही भाव ₹200 गिरता एक औसत स्टॉप लॉस क्या है? है आपका stock सेल हो जाएगा

Types of stop loss | स्टॉप लॉस के प्रकार

सेल स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग लॉन्ग पोजीशन को प्रोटेक्ट करने के लिए किया जाता है आपने किसी शेयर में लॉन्ग पोजीशन बना रखी है वहां पर आप सेल स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग करते हैं उदाहरण के लिए आपने किसी कंपनी का शेयर ₹100 में खरीदा है आपके प्रोडक्शन के हिसाब से यह शेयर ₹150 जाएगा इस पोजीशन को हम लोग पोजीशन कहते हैं इस पोजीशन को प्रोटेक्ट करने के लिए आप सेल स्टॉपलॉस आर्डर लगा सकते हैं

2. Buy-Stop Orders

Buy-Stop Orders वैचारिक रूप से सेल-स्टॉप ऑर्डर के समान हैं। हालांकि, उनका उपयोग शॉर्ट पोजीशन की सुरक्षा के लिए किया जाता है। एक खरीद-स्टॉप ऑर्डर की कीमत मौजूदा बाजार मूल्य से ऊपर होगी और अगर कीमत उस स्तर से ऊपर उठती है तो ट्रिगर होगी

On which position to put stop loss? |स्टॉप लॉस किस पोजीशन पर लगाये ?

Technical analysis उन स्तरों को निर्धारित करने के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है जिन पर stop loss सेट किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, एक long term के लिए, स्टॉक के लिए प्रमुख समर्थन स्तरों का पता लगाना नकारात्मक जोखिम का अनुमान लगाने के लिए उपयोगी हो सकता है। यहां आधार यह है कि एक बार एक प्रमुख समर्थन स्तर के टूटने के बाद, यह स्टॉक के लिए अतिरिक्त नुकसान का संकेत दे सकता है। हालाँकि, झूठे ब्रेकआउट से सावधान रहें। सुनिश्चित करें कि आप अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में प्रवेश करने से पहले तकनीकी विश्लेषण और अन्य उपकरणों का उपयोग करते हुए, स्टॉप-लॉस स्तरों पर लगन से शोध करते हैं।

how can put a stop loss on existing shares ? | मौजूदा शेयरों पर स्टॉप लॉस कैसे लगाया जा सकता है?

यदि आपने पहले कोई शेयर खरीद रखा है .आप उस शेयर पर स्टॉप लॉस लगा सकते है .इसके लिए आपको अपने एप्प के शेयर सेल्ल ऑप्शन पर जाकर सेल स्टॉप लोस्स आर्डर लगाना पड़ेगा

नीचे आपको ज़ेरोढा एप्प का उद्धरण दिया है

how can put a stop loss on existing shares ?

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यहां बताया गया है कि 'वोलैटिलिटी फ़िल्टर' के साथ स्टॉप लॉस लेवल कैसे सुधारें!

स्टॉप लॉस एक ऐसा उपकरण है जिसके बिना व्यापारी लंबे समय तक खेल में बने रहने के लिए व्यापार नहीं कर सकते। यह न केवल हमारे नुकसान को कम करने में मदद करता है बल्कि जब हम अपनी स्थिति से बाहर निकलते हैं और बाजार हमारे खिलाफ चलता रहता है तो भावनात्मक राहत भी देता है। हालाँकि, हमेशा ऐसा नहीं होता है और कई बार बाजार हमारे स्टॉप लॉस को हिट कर देता है, हमें बाहर निकाल देता है और वापस पलट देता है (जिसे व्हिपसॉ कहा जाता है) जिसे पचाना थोड़ा मुश्किल होता है।

हर ट्रेडर को एक बात अपने दिमाग में लिखनी चाहिए कि व्हिपसॉ से बचा नहीं जा सकता। ऐसा समय आएगा और व्हिपसॉ से बचने का एकमात्र तरीका ट्रेडिंग बंद करना है! हालांकि, हमारे प्रवेश/निकास स्तरों पर कुछ फ़िल्टर लागू करके इन व्हिपसॉ को कुछ हद तक कम करने के कुछ तरीके हैं।

कई बार बाजार हमारे स्टॉप लॉस को ट्रिगर करता है, केवल तुरंत वापस लौटने के एक औसत स्टॉप लॉस क्या है? लिए, जो प्रमुख रूप से बढ़ी हुई अस्थिरता के कारण होता है, जो कि अनियमित चालों को बढ़ावा देता है जो सामान्य नहीं हैं। इस बढ़ी हुई अस्थिरता के परिणामस्वरूप तेज स्पाइक्स (ऊपर/नीचे) होते हैं जो आपके स्टॉप लॉस को हिट करते हैं जो एक अच्छी दूरी पर भी रखा जाता है।

अत्यधिक अस्थिरता के कारण अपने स्टॉप लॉस को मारने की संभावना को कम करने का एक तरीका अस्थिरता फ़िल्टर का उपयोग कर रहा है और मेरा व्यक्तिगत पसंदीदा एटीआर (औसत ट्रू रेंज) है। एटीआर एक संकेतक है जिसे एक निश्चित समय अवधि में स्टॉक की औसत गति को दर्शाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उदाहरण के लिए, यदि ITC (NS: ITC ) का वर्तमान 14-दिवसीय ATR 6.6 है, तो इसका मतलब है कि ITC ने पिछले 14 सत्रों में INR 6.6 (दिशा के बावजूद) की औसत चाल दी है।

यह जानकारी का एक उपयोगी टुकड़ा है क्योंकि यह आपको यह मापने का एक बहुत ही उचित तरीका देता है कि आपका स्टॉप लॉस सीएमपी से बहुत करीब/बहुत दूर या आदर्श दूरी पर है या नहीं। उपरोक्त उदाहरण को जारी रखते हुए, अगर मुझे पता है कि आईटीसी आसानी से एक दिन में 6.6 रुपये स्थानांतरित कर सकता है तो सीएमपी से 6.6 रुपये की दूरी के भीतर किसी भी स्टॉप लॉस को आसानी से केवल एक स्पाइक के साथ हटाया जा सकता है।

तो आप अस्थिरता में अचानक एक औसत स्टॉप लॉस क्या है? वृद्धि के कारण व्हिपसॉ की संभावना को कैसे कम कर सकते हैं? यह आसान है। बस मूल SL से INR 6.6 घटाएं जो आपको आपके बाहर निकलने के लिए एक नया निचला स्तर देगा (लंबी स्थिति के मामले में)। इस तरह आपका स्टॉप लॉस स्टॉक के औसत उतार-चढ़ाव से कम हो जाएगा। चूंकि आपका एसएल कम हो जाएगा, यदि यह ट्रिगर हो जाता है, तो आपको मूल की तुलना में अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा, जाहिर है और इसलिए प्रवेश करने से पहले ऐसे फिल्टर पर भी विचार किया जाना चाहिए ताकि आप अपनी बेट को उचित आकार दे सकें।

व्हिपसॉ को कम करने के लिए ऐसे कई फिल्टर हैं। एक अन्य उदा. एक समय-आधारित फ़िल्टर है जिसमें आप स्थिति से बाहर निकलने से पहले कीमत को अपने SL के नीचे बनाए रखने के लिए 1 या दो दिन (या जो कुछ भी) प्रतीक्षा करते हैं।

कैसे पाएं शेयर में लॉस पर काबू और समझिये स्टॉक मार्किट सपोर्ट लेवल

What is a Stop Loss Order and how to recover loss techniques in hindi हिंदी

सुझाव है कि अगर कोई शेयर आपके स्टॉप लॉस को हिट कर रहा हो तो थोड़ा लॉस बुक कर उससे निकल जाइए। अगर आप उसे फिर से खरीदना चाहते हैं तो अंदाज के आधार पर मत खरीदिए। पता कीजिए कि उसका सपोर्ट लेवल क्या है।
सुनने में ये बात जरा असामान्य लग सकती है कि लॉस यानी नुकसान को आखिर ट्रेडिंग का अनिवार्य अंग कैसे माना जा सकता है। लेकिन यह सच है। वास्तविकता के धरातल पर हर ट्रेडर को इस सच का सामना करना ही पड़ता है। आपके फंडामेंटल और तकनीकी विश्लेषण चाहे कितने ही दुरुस्त हों, इसके बावजूद आपको ट्रेडिंग में नुकसान का झटका लग सकता है। वजह यह है कि शेयर बाजार इतना अनिश्चित है कि इसमें कई बार सारे विश्लेषण धरे रह जाते हैं। इसलिए ट्रेडिंग में प्रॉफिट की तरह लॉस भी स्वाभाविक है। जरूरत इस बात की है कि नुकसान को कैसे सीमित रखा जाए ताकि वह लाभ पर भारी नहीं पड़े। आज हम आपको नुकसान पर काबू पाने का एक नुस्खा बताते हैं।

कागजी नहीं रियल घाटे को पहचानें (Understand about Real Loss no paper loss)

सबसे पहले इस बात को समझना जरूरी है कि किसी ट्रेड में नुकसान होता क्यों है? सीधा जवाब है- शेयर का बाजार मूल्य आपके खरीद भाव के नीचे चला गया। लेकिन गौर से देखें तो यह जवाब पूरी तरह सही नहीं है। मान लीजिए कि आपने 100 रुपए में कोई शेयर खरीदा। उसका भाव गिरकर 99 रुपए हो गया। ऐसे में आपके ट्रेडिंग एकाउंट में प्रति शेयर एक रुपए का घाटा दिखेगा, लेकिन अभी यह घाटा सिर्फ कागज पर है। यह रियलाइज्ड नहीं हुआ है। रियलाइज्ड का अर्थ है कि अभी आपने इस घाटा सहते हुए अपने शेयर को बेचा नहीं है। आप इंतजार कर रहे हैं कि कीमत फिर चढ़ेगी। शेयर का भाव जब 100 रुपए से ऊपर जाएगा, तब आप उसे फायदे में बचेंगे। इस तरह वह घाटा सिर्फ एकाउंट में है, वास्तविकता में नहीं। लॉन्ग टर्म निवेशक तो इस तरह की हलचल पर ध्यान भी नहीं देते हैं। वे जानते हैं कि लॉन्ग टर्म में 100 रुपए में खरीदा शेयर, 90 रुपए पर जाकर भी वापस लौट सकता है और कुछ महीनों या एक साल बाद 125 रुपए में बिक सकता है। लेकिन आप अगर शॉर्ट टर्म ट्रेडर हैं तो आपको ज्यादा चौंकन्ना होने की जरूरत है, क्योंकि आपने ट्रेडिंग का जो तरीका चुना है, उसमें शेयर को होल्ड करने के लिए वक्त ज्यादा नहीं है।

भाव गिरने पर घबराएं नहीं (Don;t Fear while price decreasing)

आम तौर पर नए ट्रेडर लॉस की सूरत में एक बड़ी गलती करते हैं। अगर किसी शेयर की कीमत 100 से गिरकर 98 रुपए हो जाती है। तो अनाड़ी ट्रेडर का संतुलन बिगड़ने लगता है। वह एक साथ डर और लालच दोनों मनोभावों से ग्रस्त हो जाता है। डर का मतलब है कि उसे लॉस बुक करने में घबराहट होती है। वह जानता है कि स्टॉप लास 98 के आस पास है, लेकिन वह नुकसान के डर के मारे स्टॉप लॉस नहीं लगाता है। लालच का मतलब है कि उसे लगता है गिरते हुए शेयर को पकड़ कर वो मोटा मुनाफा कमा सकता है। उसे लगता है कि 98 तक गिरने के बाद शेयर वापस चढ़ेगा। इसलिए वह 98 के भाव पर एक बार फिर उसे खरीद लेता है। अब उसका औसत भाव 99 हो गया है। गौर करने लायक बात यह है कि 98 पर खरीद के पीछे उसके पास कोई सुनिश्चित आधार नहीं है। उसने जो सोचा है, बाजार उसके विपरीत करवट लेता है। शेयर और गिरकर 96 पर चला जाता है। वह अनाड़ी ट्रेडर थोड़ा और डरता है, उसका लालच एक बार फिर हावी होता है। ऊपर लिखी मानसिक प्रक्रिया दोहराते हुए वह एक बार फिर उसी शेयर को खरीद लेता है। अपनी बची खुची पूंजी भी उसमें झोंक देता है। लेकिन इस बार भी उसकी खरीद के बाद शेयर के गिरने का सिलसिला जारी रहता है, वह 95 पर पहुंच जाता है। अब ट्रेडर के पास न तो पूंजी बची है, और न ही धैर्य। वह अपने मूल स्टॉप लॉस के मुकाबले ज्यादा नुकसान सहते हुए उसे बेचता है।
इसलिए सुझाव है कि अगर कोई शेयर आपके स्टॉप लॉस को हिट कर रहा हो तो थोड़ा लॉस बुक कर उससे निकल जाइए। अगर आप उसे फिर से खरीदना चाहते हैं तो अंदाज के आधार पर मत खरीदिए। पता कीजिए कि उसका सपोर्ट लेवल क्या है।

तीन तरह के सपोर्ट लेवल (Three Types of Support Level)

आम तौर पर किसी शेयर के तीन सपोर्ट लेवल होते हैं। आप हर दो या तीन लेवल पार करने के बाद थोड़ी थोड़ी मात्रा में खरीद सकते हैं। लेकिन खरीदने से पहले इस बात का हिसाब जरूर कर लें कि आप इसे किन स्तरों पर कितनी संख्या में खरीदेंगे। अपने कुल ट्रेडिंग कैपिटल का कितना हिस्सा इस पर लगाएंगे। जैसा कि हम आपको पहले भी आगाह कर चुके हैं, अपनी पूरी पूंजी एक औसत स्टॉप लॉस क्या है? को किसी एक शेयर में नहीं लगाएं। इस बात का आकलन भी जरूर करें कि कितना नुकसान सहने की क्षमता आपके अंदर है।
इस प्रकार अगर आप लालच और डर से हटकर ट्रेडिंग करेंगे तो आप नुकसान को नियंत्रित कर सकेंगे। एक कहावत याद रखिए, जिस ट्रेडर ने नुकसान बुक करना सीख लिया, वो अक्सर फायदे में रहता है।
ट्रेडिंग में नुकसान कम करने के जरूरी सूत्र

1. फायदा चाहते हैं तो घाटा सहना सीखें
2. स्टॉप लॉस हिट हो रहा हो तो घबराएं नहीं
3. लॉस बुक करने में डरने से बड़े घाटे के आसार
4. सिर्फ अंदाज के आधार पर स्टॉक मत खरीदें
5. अगर कोई शेयर लगातार गिर रहा हो तो अपनी पोजिशन मत बढ़ाएं
6. स्ट्रॉन्ग सपोर्ट लेवल के पास ही दोबारा खरीदें
7. थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ही खरीदें, कारोबार के लिए हमेशा अपनी लिमिट का ध्यान रखें\

Intraday Trading 7 Golden Rules in Hindi

Intraday Trading शेयर मार्केट एक ऐसा हिस्सा है जो सही से करोगे तो आपको एक ही दिन में बड़ी मुनाफ़ा करके भी दे सकता है। अगर सही तरीके से नहीं करोगे तो बड़ा नुकशान भी हो चकता हैं। आज हम बताएँगे Intraday Trading 7 Golden Rules ये आपको ट्रेडिंग में मुनाफा कमाई करने में मदद करेगी। और साथ ही नुकसान होने से भी बचायेगा। आइए जानते ट्रेडिंग का Intraday Trading का Golden Rules जिसको आपको फॉलो करना हैं:-

Intraday Trading 7 Golden Rules in Hindi

  • लिक्विडिटी Stock में ट्रेडिंग:-

आपको सबसे पहले लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करना हैं। लिक्विडिटी Stock का मतलब जिसका खरीद और बेच रेंज पर ज्यादा फर्क नहीं है। जिस शेयर का बहुत सारे Buyer और Seller मजूद हैं। आपको वो स्टॉक खोजना जिसमे लिक्विडिटी बहुत ज्यादा है और उस स्टॉक पर कही ना कही किसी तरह की ऊपर या नीचे का चाल बन रही हैं। आपको एसी स्टॉक पर ट्रेडिंग करना हैं।

खड़े हुवे, buy और sell कम होना Stock से आपको दूर रहना हैं। Intraday Trading का सबसे पहला रूल स्टॉक ऊपर या नीचे हिलेगा तभी कुछ कमाई होगा। इसलिए आपको हाई लिक्विडिटी Stock में ट्रेडिंग करना चाहिए।

कोई भी Trading करने से पहले आपको ये जरुर ध्यान रखना चाहिए की हमेशा छोटी मात्रा में Trading करना हैं। आपके रिस्क के हिसाब से ट्रेडिंग करना चाहिए। उदाहरण के लिए कही बार हमें एक औसत स्टॉप लॉस क्या है? लगता है ABC स्टॉक ऊपर जानेवाला है उस समय ज्यादा लालस के कारण पैसा की मात्रा बड़ा देते है। जब भी आप लालस के कारण अपना पैसा की मात्रा बड़ा कर देते हो एक औसत स्टॉप लॉस क्या है? आपको नुकशान बहुत ज्यादा हो चकता हैं।

क्युकी जब आप मात्रा बड़ा लेते है तो वो स्टॉक जरुरी नहीं की आपके हिसाब से चलेगा कही बार ऊपर नीचे होगा। जैसे ही थोड़ा बहुत ऊपर नीचे होगा आपके पैसा की मात्रा ज्यादा होने के कारण नुकशान का साइज़ भी बड़ा होगा। जिससे आप घबड़ाहट में नुकशान में ट्रेडिंग से निकल जाओगे। इसलिए आपको हमेसा छोटा मात्रा में ही Trading करना चाहिए।

Intraday Trading का महत्पूर्ण Rules

  • Stop Loss के साथ Intraday Trading:-

आपको हमेसा Stop Loss के साथ ट्रेडिंग करना हैं। इसके बिना आप बिल्कुल ट्रेड मत लीजिए। Stop Loss बहुत जरुरी है आपका नुकशान को कम करने के लिए। आपने जो भी ट्रेड लिए उसके साथ और एक Stop Loss का ट्रेड दोनों एक ही समय पर जाना चाहिए। ये Intraday Trading का सबसे बड़ा Golden Rule हैं

सबसे पहले जितना आपने छोचा था, इतना प्रॉफिट आना चाहिए उतना मुनाफा आते ही आप उस दिन मार्केट से बाहर हो जाओं। अगर आप मार्केट को देखते रहेंगे तो आपको और मन करेगा ट्रेड लेने का जिससे जितना आपने कमाया उससे ज्यादा आपको नुकशान होगा।

ठीक उसी तरह उसका उल्टा आपका यदि पहला ट्रेड गलत हो गया हैं तब भी आप मार्केट से निकल जाओं। उस पैसे को उस दिन recover करने के लिए और बिल्कुल ट्रेड नहीं डालनी हैं। जिस दिन आपका पहले 1-2 घंटे के अन्दर नुकशान हो गया अगर आप मार्केट बंद होने तक recover करने के लिए ट्रेडिंग करते है। तो उससे बहुत ज्यादा आपको नुकसान होगा। क्युकी उस दिन हो चकता है आपका रणनीति और Stock Selection ठीक नहीं है।

आपको कभी भी Intraday Trading में नुकसान साइड पर Average नहीं करना है। मान लीजिए आपने एक स्टॉक ट्रेडिंग के लिए 500 रुपए पर खरीदा कुछ देर बाद उस स्टॉक प्राइस 450 हो गया। फिर आपने छोचा और खरीद्के Average किया जाए। लेकिन आपको कभी भी नुकसान साइड पर Average नहीं करना हैं।

अगर आपको प्रॉफिट हो रहा है तो आप उस ट्रेड पर और खरीद सकते हैं. लेकिन कोई शेयर आपके दिशा पर नहीं जा रहा तो आपको बिल्कुल खरीदना नहीं चाहिए। सिर्फ अपना Stop Loss की तरफ देखना चाहिए अगर हित हो गया तो ट्रेड से निकल जाना हैं।

Intraday-Trading-7-Golden-Rules-in-Hindi

Trading करने से पहले Golden Rules जरुर जाने:-

  • Trading के समय किसी के ना सुने:-

किसी के बातों में आकर आपको बिल्कुल ट्रेड नहीं लेना हैं। चाहे कितना भी बड़ा विश्लेशक हो आपको अपना विश्लेषण खुद करना चाहिए। एक औसत स्टॉप लॉस क्या है? आप अपना ट्रेड अपने हिसाब से लेना है। जरुरी नहीं की विश्लेशक का ट्रेड सही हो, गलत भी हो चकता हैं। आपको अपना Discipline में ही कायम रहना हैं और Trading के समय किसी के बात को नहीं चुननी हैं।

Intraday Trading में कोई भी दिन स्वतंत्र नहीं है पिछले दिन से जुड़ा हुआ होता हैं। जब भी आप ट्रेडिंग करोगे पिछले दिन के Support, Resistant, behavior आज पे जरुर असर डालेगा। उस स्टॉक ने जो कल किया था उसका छाया, behavior आज जरुर नजर आएगी। आपको पिछले दिन के Chart को जरुर देखना है उसके बाद ही Trading करना हैं।

Intraday Trading 7 Golden Rules अगर आप दिमाग में रखते है बार बार लागू करके देखते हो। उसके बाद आपके लिए Intraday में पैसा कमाई करना आसान हो जायेगा और नुकसान होना बहुत कम हो जाएगा। ये 7 मंत्र आपको Intraday Trading में निश्चित रूप से नुकसान से बचाएगा और आपको मुनाफा की तरफ लेके जाएगा।

आशा करता हु Intraday Trading 7 Golden Rules in Hindi पोस्ट को पढ़के ट्रेडिंग करने का सही तरीका सीख गए होंगे। आप यदि इन रूल्स को फॉलो करेंगे Intraday Trading में आपको जरुर मुनाफा होगा। इससे से जुड़ी आपके मन में कोई सवाल है तो कमेंट में जरुर पूछे।

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