कोरोना काल के दौरान ठप पड़ गई आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए आम जनता और उद्योगों को जो लाखों करोड़ डॉलर की मदद दुनिया भर में दी गई, उसका असर अब बढ़ती महंगाई के रूप में दिखने लगा है। इस महंगाई पर लगाम लगाने के लिए दुनिया भर के देशों ने जिस तरह ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू की है, उससे अब धीरे-धीरे ग्रोथ पर ब्रेक लगने लगी है।
शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव में फंसे रिटेल इनवेस्टर्स जानें कैसे बनाएं रणनीति
शेयर बाजार का तूफान तब तक शांत नहीं हो सकता जब तक इससे होने वाले नुकसान का पूरा अनुमान बाजार को न मिल जाए।
भुवन भास्कर
माना जाता है कि शेयर बाजार मध्यम से लंबी अवधि में अर्थव्यवस्था की सेहत का बैरोमीटर होते हैं। लेकिन छोटी अवधि में शेयर बाजार का व्यवहार अक्सर भ्रम पैदा कर देता है। शुक्रवार को भारतीय बाजारों के सूचकांक 2-2 प्रतिशत गिरे। कहा गया कि अमेरिकी फेड इस हफ्ते अपनी पॉलिसी समीक्षा में 75 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है, और इसलिए दुनिया भर के शेयर बाजार नर्वस हैं।
दुनिया भर में गिरावट आई है, तो भारत में भी बिकवाली का जोर बढ़ गया है। कमाल की बात यह है कि अभी फेड की पॉलिसी के नतीजे आने में 24-48 घंटे शेष हैं, लेकिन शुक्रवार की निराशा एकाएक सोमवार को बाजार से गायब दिख रही है। बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ होने के कुछ ही देर बाद फिर खरीदारों का जोश वापस आ गया है। सोमवार 19 सितंबर को सेंसेक्स 300.44 अंक की तेजी के साथ 59,शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति 141.23 के लेवल पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 91.40 अंक की तेजी के साथ 17,622.25 पर बंद हुआ। इन सबमें छोटा निवेशक या ट्रेडर हतप्रभ है कि किया क्या जाए।
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छोटे निवेशक क्या करें?
दरअसल छोटे निवेशकों या ट्रेडरों को बाजार में टिके रहने के लिए अपनी नजर मध्यम से लंबी अवधि पर टिका कर धैर्य के साथ टिक रहने चाहिए, तभी उन्हें सफलता मिल सकती है। ऐसे में बाजार में निवेशकों को क्या रुख अपनाना चाहिए, इस सवाल का जवाब भारतीय और विश्व अर्थव्यवस्था की परिस्थितियों के विश्लेषण से मिल सकता है।
वीकेंड के दौरान रेटिंग एजेंसी फिच ने एक बार फिर इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिका और यूरोप मंदी के मुहाने पर खड़े हैं। फिच के मुताबिक यूरोजोन और ब्रिटेन इस साल के आखिर तक मंदी में चले जाएंगे, जबकि अमेरिका अगले साल मध्य तक मंदी में आ जाएगा। हालांकि अमेरिका की संभावित मंदी को ‘हल्की’ श्रेणी में बताया गया है। फिच ने 2022 के दौरान दुनिया की आर्थिक वृद्धि की संभावित दर को जून में घोषित 2.9% से आधा प्रतिशत कम कर 2.4% कर दिया है। वहीं 2023 में यह वृद्धि दर पहले जताई गई संभावना से 1% कम होकर अब 1.7% रहने की संभावना है।
'शेयर बाजार में निवेश'
Stock Market Today Updates: सेंसेक्स (Sensex) 113 अंकों की तेजी के साथ 62,243 पर खुला. वहीं, निफ्टी (Nifty) ने भी 35 अंकों की तेजी के साथ 18532 के स्तर पर कारोबार की शुरुआत की.
FPI Inflows In Equities: इससे पहले सितंबर और अक्टूबर में विदेशी निवेशकों की शेयर बाजार में बिकवाली देखी गई थी. उन्होंने अक्टूबर में शेयर बाजार से आठ करोड़ रुपये और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये के भारतीय शेयर बेचे थे.
Stocks in Focus Today: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो ऐसे स्टॉक का चुनाव करें जो आपको शानदार कमाई करा सकते हैं.
Rakesh Jhunjhunwala News: राकेश झुनझुनवाला के दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बाद अब फोकस शेयर बाजार में उनकी शेयरों की हिस्सेदारी पर आ गया है. शेयर बाजार के निवेशक और विश्लेषक हमेशा उनके एक-एक दांव पर नजर रखते थे. अब स्पॉटलाइट शेयर बाजार में उनकी लगभग 4 बिलियन डॉलर या साढ़े तीन हजार करोड़ की स्टॉकहोल्डिंग पर है.
बड़ा पैसा बनाने में शेयर मार्केट कर सकता है मदद, लेकिन इन बातों का जरूर रखें ख्याल!
शेयर मार्केट और जनरल मार्केट में ज्यादा अंतर नहीं है. जनरल मार्केट में जिस तरह से चीजें खरीदी और बेची जाती हैं उसी तरह से शेयर मार्केट में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं.
शेयर मार्केट क्या है?
शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिस पर खरीदार और विक्रेता कुछ निश्चित घंटों के दौरान पब्लिक लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते हैं.
शेयर मार्केट में निवेश करने के कई फायदे हैं. यह निवेशकों को ज्यादा पैसा कमाने का मौका देता है. स्टॉक की कीमत समय के साथ बढ़ती या घटती है. शेयर मार्केट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेशकों को कम समय में ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता है जो बैंक एफडी जैसे अन्य निवेशों में नहीं होती है. और लंबी अवधि में शेयर किसी भी दूसरी तरह के निवेश की तुलना में ज्यादा रिटर्न देते हैं.
शेयरों को लिक्विड शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति एसेट माना जाता है क्योंकि उन्हें आसानी से कैश में बदला जा सकता है. इसके अलावा शेयर मार्केट को रेगुलेट करने के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी (नियामक संस्था) होती है, जो निवेशकों के हितों का भी ध्यान रखती है.
निवेश की शुरुआत कैसे करें
स्टॉक में या शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए सबसे पहले डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल शेयर या बांड खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है. वहीं एक डीमैट अकाउंट बैंक अकाउंट की तरह काम करता है, जहां आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में जमा होते हैं.
जब आप शेयर खरीदते और बेचते हैं तो यह आपके अकाउंट में क्रेडिट और डेबिट हो जाते हैं. ट्रेडिंग अकाउंट में लॉग इन करके आप उस स्टॉक को चुन सकते हैं जिसे आप खरीदना या बेचना चाहते हैं. खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके अकाउंट में शेयर खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा है. फिर वह कीमत तय करें जिस पर आप शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं.
Rakesh jhunjhunwala के गोल्डन मंत्र- जिसने अपनाए बाजार में बना लिया पैसा, आप भी कर सकते हैं बंपर कमाई
Rakesh Jhunjhunwala passes away at 62: राकेश झुनझुनवाला ने मार्केट से करोड़ों की कमाई की है. वह अक्सर अपने फोलोअर्स के लिए टिप्स भी देते हैं. उनकी टिप्स अपनाकर आप भी शेयर बाजार से कमाई कर सकते हैं.
Rakesh Jhunjhunwala Golden tips: छोटे-छोटे निवेश से ही बड़ा फंड तैयार होता है. लेकिन, शेयर बाजार में सही रणनीति और सही ढंग से पैसा लगाने पर ही रिटर्न मिलता है. देश के दिग्गज निवेशक और मार्केट के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला ने पिछले दो दशक में पैसे से ही पैसा बनाया है. उन्हें भारत का वारेन बफे माना जाता है. राकेश झुनझुनवाला ने मार्केट से करोड़ों की कमाई की है. वह अक्सर अपने फोलोअर्स के लिए टिप्स भी देते हैं. उनकी टिप्स अपनाकर आप भी शेयर बाजार से कमाई कर सकते हैं. हम उनके कमाई के मंत्र टिप्स की जानकारी दे रहे हैं, जिनसे आप छोटी रकम का निवेश कर अमीर बन सकते हैं.
पहला मंत्र: अपने निवेश को समय दें
राकेश झुनझुनवाला का नजरिया हमेशा से लंबी अवधि में निवेश का रहा है. वह अक्सर शुरुआती निवेश करने वालों को लंबे समय के लिए निवेश करने की सलाह देते हैं. उनका मानना है कि छोटी अवधि में ही मुनाफा कमाने के बजाए निवेश को कई गुना बढ़ने के लिए समय देना चाहिए. झुनझुनवाला के मुताबिक, बाजार में पैसे को मेच्योर होने का समय दें, थोड़ा इंतजार जरूर करना पड़ेगा, लेकिन रिटर्न निश्चित मिलेगा.
राकेश झुनझुनवाला कहते हैं कि कंपनी के शेयर की कीमत यह तय नहीं करती कि आपको उसमें निवेश करना चाहिए या नहीं. बल्कि कंपनी की वैल्यू ज्यादा महत्व रखती है. अक्सर लोग ज्यादा कीमत वाले शेयर को लेना पसंद करते हैं. लेकिन, कंपनी का प्रदर्शन पिछले 1 या 5 साल में कैसा रहा है यह देखने जरूरी है. कंपनी का आउटलुक अच्छा है तो शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव के बावजूद वह आपको अच्छा रिटर्न देगी.
तीसरा मंत्र: दूसरों को शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति देख पैसा न लगाएं
शेयर मार्केट में निवेश बैंकों की तरह हमेशा सुरक्षित नहीं होता. यहां बड़ा रिटर्न है तो रिस्क भी है. इसलिए जरूरी है कि आप कंपनी की पूरी जानकारी लेने के बाद ही पैसा लगाएं. किसी शेयर में सिर्फ इसलिए पैसा नहीं लगाना चाहिए क्योंकि, दूसरे उसमें पैसा लगा रहे हैं. क्योंकि, दूसरे शायद नुकसान उठाने में सक्षम होंगे, लेकिन आप नहीं.
चौथा मंत्र: कैश सरप्लस भी देखें
शेयर मार्केट में अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो जरूरी नहीं वह आपको अच्छा ही रिटर्न देगी. इसलिए जरूरी है निवेश से पहले कंपनी का बैकग्राउंड चेक करें और देखें कि कंपनी ने कितना डिविडेंड दिया है. डिविडेंड शेयर मार्केट में काफी महत्व रखता है. कंपनी अगर लंबे समय से नियमित तौर पर डिविडेंड दे रही है तो इसका मतलब है कि उसके पास कैश की कमी नहीं है. कैश सरप्लस वाली कंपनियां अक्सर अच्छा प्रदर्शन करती हैं.
आपके पास निवेश करने के लिए अच्छी रकम हो सकती है. लेकिन, जरूरी नहीं कि आप सारा पैसा एक बार में निवेश कर दें. मुनाफा कमाने की चाह अच्छी है, लेकिन नियम यह कहता है कि थोड़ा-थोड़ा इन्वेस्टमेंट ही बेहतर रिटर्न की गारंटी देता है. किसी एक शेयर में पैसा लगाते वक्त अपनी निवेश रकम को हिस्सों में बांट लें और समय-समय पर खरीदारी करें. अगर शेयर में गिरावट आती है तो खरीदारी जारी रखें. इससे आपकी खरीद का औसत घट जाएगा.
Multibagger Returns : शेयर बाजार से पाएं 10 गुना नहीं, बल्कि 100 गुना रिटर्न, अपनानी होगी यह रणनीति
आप भी पा सकते हैं 100 गुना रिटर्न
- भारत में दर्जनों कंपनियों ने निवेशकों को दिया है 100 गुना रिटर्न
- छोटी कंपनियों के लिए 100-बैगर बनना आसान
- एक कंपनी को 100-बैगर बनने में औसतन लगते हैं 26 साल
- बड़ा रिटर्न चाहिए शेयर मार्केट में निवेश की रणनीति तो धैर्य रखना बेहद जरूरी
छोटी कंपनियों पर रखें नजर
बड़ी कंपनियों की तुलना में छोटी कंपनियों के लिए 100-बैगर बनना आसान है। किसी 2% बाजार हिस्सेदारी वाली कंपनी को अपनी बाजार हिस्सेदारी को दोगुना, तिगुना करना बहुत आसान होना चाहिए। उस कंपनी की तुलना में जो 30% बाजार हिस्सेदारी लिये बैठी है। कंपनी के लो बेस के चलते यह आसान होता है। इसका मतलब उन कंपनियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा, जिनका एम-कैप 5,000 करोड़ से कम हो या शायद 3000 करोड़ से भी कम हो।
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